Narak Chaturdashi 2024: खुशियों के प्रतीक दिवाली के पर्व से सनातन धर्म के लोगों की खास आस्था जुड़ी है। इस दिन लोग भगवान गणेश और धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल दिवाली का पर्व 31 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। दिवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली यानी नरक चतुर्दशी का त्योहार मनाया जाता है। देश के कई राज्यों में नरक चतुर्दशी को रूप चौदस और काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है। इस बार 30 अक्टूबर 2024 को नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जाएगा।
छोटी दिवाली के दिन मृत्यु के देवता यमराज के नाम का दीपक जलाया जाता है। इसी के साथ 5 देवों की पूजा करने का भी विधान है। चलिए जानते हैं छोटी दिवाली के दिन कौन-कौन से देवताओं की पूजा करना शुभ माना जाता है।
यम पूजा
छोटी दिवाली के दिन यमराज की पूजा करनी चाहिए। साथ ही उनके नाम पर एक सरसों के तेल का चौमुखी दीपक जलाना चाहिए, जिसे घर के मुख्य द्वार के समीप दक्षिण दिशा की ओर रखना चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार, छोटी दिवाली पर यम के नाम पर दीपक जलाने से अकाल मृत्यु का भय कम होता है। साथ ही पापों से छुटकारा मिलता है।
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श्रीकृष्ण पूजा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि यानी छोटी दिवाली के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर राक्षस का वध किया था। इसलिए इस दिन श्रीकृष्ण की पूजा करना शुभ माना जाता है।
वामन पूजा
दक्षिण भारत में नरक चतुर्दशी के दिन वामन देव की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, छोटी दिवाली के भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा करने से घर-परिवार में खुशहाली बनी रहती है।
हनुमान पूजा
छोटी दिवाली के दिन हनुमान जी की पूजा करने का भी विधान है। जो लोग सच्चे मन से इस दिन बजरंगबली की पूजा करते हैं, उनके जीवन से सदा खुशहाली बनी रहती है। साथ ही भय और क्रोध से मुक्ति मिलती है।
शिव पूजा
नरक चतुर्दशी के दिन के दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करना भी शुभ होता है। इसी के साथ भगवान शंकर को पंचामृत अर्पित करना भी लाभदायक रहता है।
काली पूजा
नरक चतुर्दशी के दिन यमराज, भगवान शिव, हनुमान जी, वामन देव और भगवान कृष्ण के अलावा काली मां की पूजा भी की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, दिवाली पर आधी रात मां काली की पूजा करने से साधक के सभी दुख-दर्द दूर होते हैं और जीवन में सुख-शांति का वास होता है। लेकिन जो लोग नरक चतुर्दशी के दिन मां काली की पूजा करते हैं, उन्हें सुबह तेल से स्नान जरूर करना चाहिए। नहीं तो पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है।
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