Nose Piercing Benefits: नाक छिदवाना भारत की एक प्राचीन परंपरा है, जिसका पालन पहले के समय में करना जरूरी होता था। लेकिन मॉडर्न वर्ल्ड में ज्यादातर लड़कियों को नाक छिदवाना पसंद नहीं होता है। आज के समय में जहां कुछ लड़कियां माता-पिता के कहने पर नाक छिदवाती हैं, तो कुछ केवल फैशन और स्टाइल के लिए नाक छिदवाती हैं। लेकिन नाक छिदवाने के कई लाभ भी होते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, नाक छिदवाने से कुंडली में चंद्रमा ग्रह की स्थिति मजबूत होती है, जिसका सकारात्मक प्रभाव सीधे महिलाओं के जीवन पर पड़ता है। चलिए विस्तार से जानते हैं नाक छिदवाने के धार्मिक महत्व और उससे होने वाले लाभ के बारे में।
नाक छिदवाने से कौन-सा ग्रह मजबूत होता है?
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति की बाई नाक का संबंध चंद्रमा ग्रह से होता है। कुंडली में चंद्रमा के मजबूत होने से व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है। जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। वहीं चंद्रमा के कमजोर होने से व्यक्ति का मन भटकता रहता है। उसकी मानसिक स्थिति कमजोर हो जाती है। इसके अलावा उसके सोचने-समझने की शक्ति भी कम हो जाती है और वो भुलक्कड़ हो जाता है।
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नाक छिदवाने के लाभ
जब लड़कियां अपनी बाई नाक छिदवाती हैं, तो इससे उनका मन स्थिर रहता है। दिमाग गलत चीजों की तरफ नहीं भटकता है। मेंटल हेल्थ अच्छी रहती है और एकाग्रता बढ़ती है। इसके अलावा सोचने-समझने की शक्ति बढ़ती है, जिसके कारण उन्हें तनाव, डिप्रेशन और एंग्जायटी की समस्या के होने का खतरा बेहद कम हो जाता है।
नाक में कौन-सा धातु पहनना चाहिए?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हमेशा बाई तरफ की नाक ही छिदवानी चाहिए। इसके अलावा नाक में सोने की नथ पहननी चाहिए। सोने से शरीर को ऊर्जा मिलती है। सोने के अलावा नाक में चांदी की नथ भी पहन सकते हैं। चांदी से शरीर ठंडा रहता है।
दर्द में भी मिलता है आराम
नाक छिदवाने से पीरियड के दौरान होने वाले दर्द से भी राहत मिलती है। दरअसल, बाई नाक महिलाओं के प्रजनन तंत्र यानी रिप्रोडक्टिव सिस्टम से कनेक्ट होती है। नाक छिदवाने से रिप्रोडक्टिव सिस्टम हेल्दी रहता है, जिससे पीरियड्स और प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले दर्द काफी कम हो जाता है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।