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मोहिनी एकादशी पर द्विपुष्कर योग और सर्वार्थ सिद्धि का योग, जानें पूजा विधि

Mohini Ekadashi 2024: मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया था। इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। मान्यता है कि जो लोग सच्चे मन से भगवान विष्णु की पूजा करते हैं उन्हें सफलता का वरदान मिलता है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि मोहिनी एकादशी के दिन कौन-कौन से शुभ संयोग का निर्माण बन रहा है।

Edited By : Raghvendra Tiwari | Updated: May 19, 2024 07:46
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Mohini Ekadashi 2024

Mohini Ekadashi 2024: जगत के पालनहार भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए सबसे शुभ दिन में से एक एकादशी का व्रत भी है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस समय वैशाख माह चल रहा है और आज वैशाख माह की एकादशी तिथि है। वैशाख माह की एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, मोहिनी एकादशी के दिन ही भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार लिया था। इस दिन जो लोग सच्चे मन से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा-पाठ करते हैं उनकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। साथ ही उन्हें शुभ फलों की प्राप्ति भी होती है। घर में सुख-शांति के साथ समृद्धि आती है। सभी पापों से मुक्ति भी मिल जाती है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि आज मोहिनी एकादशी पर कौन-कौन से शुभ संयोग बन रहा है। साथ ही पूजा का समय और पूजा विधि क्या है।

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Mohini Ekadashi

मोहिनी एकादशी शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, मोहिनी एकादशी वैशाख शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी  तिथि 18 मई 2024 दिन शनिवार को सुबह 11 बजकर 22 मिनट पर शुरू हो गया है और और समाप्ति आज यानी 19 मई 2024 दिन रविवार को दोपहर 1 बजकर 50 मिनट पर होगी। चुकी सनातन धर्म में उदया तिथि का मान्यता होता है। इसलिए मोहिनी एकादशी आज यानी 19 मई को है।

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मोहिनी एकादशी व्रत का पारण समय

वैदिक पंचांग के अनुसार, मोहिनी एकादशी के 19 मई यानी आज है और पारण का शुभ मुहूर्त कल यानी 20 मई को सुबह 5 बजकर 28 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 12 मिनट तक है। इस शुभ मुहूर्त में पारण कर सकते हैं।

कौन-कौन से बन रहे हैं शुभ संयोग

Mohini Ekadashi

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वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मोहिनी एकादशी पर रविवार यानी आज है। जिसके कारण इसका महत्व और अधिक बढ़ गया है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि, द्विपुष्कर योग, अमृत सिद्धि योग के साथ लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण हो रहा है। ऐसे में एकादशी का महत्व काफी शुभ हो गया है।

एकादशी की पूजा विधि

मोहिनी एकादशी के दिन प्रातकाल उठकर स्नान-ध्यान करें। उसके बाद साफ-सुथरा वस्त्र धारण करें। बाद में पीले रंग के वस्त्र धारण करें। साथ ही भगवान विष्णु को मन से याद करते हुए एकादशी व्रत का संकल्प लें। बाद में तांबे के लोटे में जल, लाल फूल, सिंदूर और अक्षत डालें और सूर्य देव को अर्घ्य दें। उसके बाद ही भगवान विष्णु की पूजा करें।

पूजा करने के लिए एक चौकी पर पीला रंगा वस्त्र बिछाएं। उस पर विष्णु जी की मूर्ति स्थापित करें। साथ ही उन पर फूल, माला, पीला, चंदन, अक्षत आदि अर्पित करें। साथ ही पीला रंग की मिठाई आदि अर्पित करें। मिठाई अर्पित करने के बाद घी का दीपक प्रज्वलित करें। उसके बाद भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप भी करें। अंत में भगवान विष्णु की आरती करें और उनसे क्षमा याचना करें।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित हैं और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Raghvendra Tiwari

First published on: May 19, 2024 07:46 AM

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