Kamakhya Devi Temple: पूर्वोत्तर भारत के राज्य असम में स्थित कामाख्या मंदिर को 52 शक्तिपीठ में से एक माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, जब माता सती ने यज्ञ में कूदकर अपने प्राण त्याग दिए थे, तो उसके बाद भगवान शिव मां के पार्थिव शरीर को लेकर धरती पर यहां-वहां भटक रहे थे, तब विष्णु भगवान ने अपने सुदर्शन चक्र से मां के शरीर को 108 भागों में विच्छेद कर दिया था। कहा जाता है कि जहां देवी सती की योनि गिरी थी। इसलिए यहां पर माता सती की योनि की विधि-विधान से आराधना की जाती है। इसके अलावा यहां पर मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए जानवरों की बलि भी दी जाती है।
तंत्र विद्या के लिए भी है प्रसिद्ध
कामाख्या मंदिर तांत्रिक और अघोरियों के बीच तंत्र विद्या के लिए भी प्रसिद्ध है। जहां देश के कोने-कोने से साधु-संत साधना करने के लिए आते हैं। मान्यता है कि यहां पर ध्यान लगाने व पूजा-पाठ करने से तांत्रिक शक्तियों को प्राप्त किया जाता है। इसके अलावा यहां पर मौजूद साधु-संत काला-जादू और टोना-टोटका से ग्रस्त लोगों को भी ठीक करते हैं।
Kamakya Devi temple where maa Kamakya is worshiped in the form Yoni the divine womb of Maa Adishakti.There is no Vigraha at the Garbhagriha only some stone stuctures .It is believed that it houses the Yoni of Devi Sati & is one the most revered shaktipeeth. pic.twitter.com/uenwbnvaLS
— Itishree (@Itishree001) November 26, 2020
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इस वजह से बंद किए जाते हैं मंदिर के कपाट
हर साल 22 जून से 25 जून तक तीन दिन के लिए कामाख्या मंदिर के कपाट भक्तों के लिए बंद कर दिए जाते हैं। यहां तक कि मंदिर में जाने की अनुमति वहां के पुजारियों को भी नहीं होती है। कहा जाता है कि इन तीन दिनों के दौरान माता सती मासिक धर्म से होती हैं, जिसके प्रभाव से मंदिर के आसपास मौजूद नदियों व तालाब का पानी लाल हो जाता है।
इसके अलावा कपाट बंद करने से पहले मंदिर में सफेद रंग का एक कपड़ा रखा जाता है, जब तीन दिन बाद मंदिर के गेट खोले जाते हैं, तो वो कपड़ा लाल रंग का हो जाता है। इस लाल कपड़े को ‘अंबुबाची वस्त्र’ (Ambubachi Vastra) नाम से भी जाना जाता है। हालांकि बाद में इस कपड़े को छोटे-छोटे टुकड़ों में कर भक्तों के बीच प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।
Maa Kamakya Temple ❤️🙏 Guwahati
Such a divine place, I would request every Hindu to visit the temple once in lifetime, Maa will fulfil all your desire’s. One of the Shakthi peeta.
Jai Maa Kamakya 🙏@LostTemple7 pic.twitter.com/P81sM61PvO
— Rakesh (@modernsanathani) November 4, 2023
अंबुवाची मेले का भी किया जाता है आयोजन
साल में एक बार यहां पर जब मां मासिक धर्म में होती हैं, तो उस दौरान विशाल मेले का आयोजन किया जाता है, जिसे अंबुवाची मेले के नाम से जाना जाता है। इस मेले में शामिल होने के लिए हर साल बड़ी संख्या में भक्तजन यहां आते हैं।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।