Mahashivratri Rudrabhishek Path: वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, महादेव को प्रसन्न करने के लिए महाशिवरात्रि के दिन कुछ न कुछ उपाय किए जाते हैं। मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखकर विधि-विधान से पूजा करने से भगवान शिव और माता पार्वती बेहद ही प्रसन्न होती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन ही माता पार्वती और भगवान शिव का विवाह हुआ था। शास्त्र के अनुसार, इस दिन रुद्राभिषेक करने का बहुत ही अधिक महत्व है।
मान्यता है कि इस दिन रुद्राभिषेक करने से उत्तम फल की प्राप्ति भी होती है। बता दें कि इस साल महाशिवरात्रि पर उत्तम संयोग बन रहा है। महाशिवरात्रि के दिन तीन राशियों मे 6 ग्रह एक साथ विराजमान रहेंगे। महाशिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक करने से सारी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। तो आज इस खबर में जानेंगे कि महाशिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक पाठ करने का महत्व क्या है साथ ही इस पाठ को करने की विधि क्या है।
क्या है रुद्राभिषेक का महत्व
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक करने से रोग, दुख, कष्ट और दोष से मुक्ति मिलती है। इस दिन रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही मां पार्वती भी प्रसन्न होती हैं। शिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव व्यक्ति के जीवन की सारी समस्याएं भी दूर कर देते हैं। ज्योतिषियों के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन अलग-अलग चीजों से रुद्राभिषेक किया जाता है। सबकी अपनी-अपनी मान्यता है।
कैसे करें रुद्राभिषेक
महाशिवरात्रि के दिन सुबह-सुबह स्नान करें और भगवान शिव को प्रणाम करें।
इसके बाद इस दिन घर में शिवलिंग स्थापित करें और शिवलिंग के दाहिनी तरफ घी का दीपक जलाएं।
दीपक जलाने के बाद एक थाली में पुष्प, ताजा दूध, गुलाब जल, मिठाई, पंचामृत, गंगाजल, अगरबत्ती, घी, शहद, कपूर, बेल पत्र, सुपारी, लौंग और इलायची रखें।
थाली में पूजन सामग्री रखने के बाद पूर्व दिशा में आसन लगाकर बैठ जाएं।
ज्योतिषियों के अनुसार, रुद्राभिषेक करने से पहले साफ-सुथरा वस्त्र धारण करें।
उसके बाद ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करें। साथ ही साथ बेल पत्र, दीपक और पुष्प भी अर्पित करें।
ज्योतिषियों के अनुसार, शिवलिंग पर ओम नमः मंत्र का जाप करते हुए रुद्राभिषेक पाठ की शुरुआत कर सकते हैं।
इसके बाद शिवलिंग पर चंदन, जल, कच्चा दूध, पंचामृत और गंगाजल अर्पित करें।
सब चीज अर्पित करने के बाद शिवलिंग पर वस्त्र, जनेऊ और चंदन लगाएं।
चंदन लगाने के बाद धूप दिखाएं और भस्म, बेलपत्र, दूर्वा और फूल चढ़ाएं।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।