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Religion

Rath Yatra 2025: महाप्रभु जगन्नाथ हुए स्वस्थ, नवयौवन का दर्शन देकर कर रहे हैं भक्तों को आनंदित

Rath Yatra 2025: 11 जून 2025 को ज्येष्ठ पूर्णिमा पर 108 कलशों से देवस्नान के बाद महाप्रभु जगन्नाथ अस्वस्थ हो गए थे। 15 दिनों तक अनासर घर में विश्राम के बाद आज, आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा को वे पूर्णतः स्वस्थ होकर भक्तों को नवीन रूप और यौवन में दर्शन दे रहे हैं। पुरी नगरी 'जय जगन्नाथ' के घोष से गूंज उठी है। आइए जानते हैं, कल 27 जून को किस अनुष्ठान के बाद रथ यात्रा शुरू होगी?

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Shyamnandan Updated: Jun 26, 2025 12:36
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Rath Yatra 2025: 11 जून, 2025 को ज्येष्ठ पूर्णिमा के अवसर पर 108 कलशों से दिव्य स्नान के बाद बीमार हो गए महाप्रभु जगन्नाथ आज स्वस्थ हो चुके हैं। पुरी के जगन्नाथ पुरी में महाप्रभु नए रूप और यौवन से भक्तों और दर्शनार्थियों को आनंदित और आह्लादित कर रहे हैं। श्रद्धालुओं के ‘जय जगन्नाथ’ के महाघोष से केवल मंदिर का परिसर ही नहीं पूरा पुरी शहर गुंजायमान हो उठा है।

देवस्नान के बाद अनासर घर में थे महाप्रभु

आपको बता दे कि 11 जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा के शुभ अवसर पर पुरी में महाप्रभु जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा का 108 पवित्र कलशों के शीतल से स्नान कराया गया था। इस देवस्नान के बाद महाप्रभु जगन्नाथ अस्वस्थ यानी बीमार हो गए हैं। वे सर्दी-जुकाम और तेज बुखार से पीड़ित हो गए थे। उन्हें स्वस्थ करने के लिए आयुर्वेदिक काढ़ा और अन्य दिव्य औषधियां दी गई, तब वे स्वस्थ हो पाए। महाप्रभु कुल 15 दिनों तक अस्वस्थ रहे और आज आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को स्वस्थ हुए हैं।

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कल से आरंभ होगी रथ यात्रा 2025

पुरी की विश्व प्रसिद्ध वार्षिक रथयात्रा हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से आरंभ होती है। यह शुभ दिन कल शुक्रवार यानी 27 जून, 2025 को पड़ रही है। 27 जून से शुरू होने वाली यह रथयात्रा 10 दिनों आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि तक चलेगी। रथयात्रा की वापसी यात्रा को बहुड़ा यात्रा कहते हैं। इस यात्रा के दौरान महाप्रभु जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा और बड़े भैया बलभद्र के साथ मौसी के घर गुंडिचा मंदिर जाते हैं।

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‘छेरा पन्हारा’ के बाद हिलेगा रथ का पहिया

जगन्नाथ पुरी की वार्षिक रथ यात्रा की शुरुआत हर साल छेरा पन्हारा नामक विशेष अनुष्ठान के बाद होता है। इस अनुष्ठान के तहत पुरी के गजपति राजा स्वयं रथों और रथ मार्ग यानी सड़क की सफाई करते हैं। गजपति राजा रथ मार्ग के सड़क को किसी मामूली झाड़ू से नहीं बल्कि सोने की झाड़ू से बुहारते हैं। इस रस्म को ही छेरा पन्हारा अनुष्ठान कहते हैं, जो सेवा भाव की निष्ठा को स्थापित करता है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Jun 26, 2025 12:36 PM

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