Krishna Chhathi 2024: सितंबर महीने के पहले दिन की शुरुआत रविवार से हो रही है। इस दिन भगवान लड्डू गोपाल की कृष्ण छठी पूजा के साथ अंबा चौदस पर्व का शुभ संयोग भी हो रहा है। इससे भादो माह की कृष्ण चतुर्दशी तिथि यानी 1 सितंबर का महत्व और बढ़ गया है। आइए जानते हैं, कृष्ण छठी और अंबा चौदस का क्या महत्व है और इनकी पूजा कैसे करें कि हमारा दिन और भी शुभ हो?
अंबा चौदह 2024
अंबा चौदस हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भादो महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इसे अंबा चतुर्दशी भी कहते हैं। यह त्योहार दुर्गा माता के एक रूप अंबाजी को समर्पित है और इस दिन मां अंबा के अनंत रूप की पूजा की जाती है। अंबा चौदह का त्योहार त्योहार गुजरात और राजस्थान में अधिक प्रचलित है। अंबा चौदस पर मां अंबा की पूजा से व्यक्ति शक्ति, शौर्य, सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। भक्ति में बुराई को अच्छाई से जीतने की शक्ति बढ़ती है।
अंबा चौदह पूजा विधि
- एक साफ स्थान पर मां अंबा की मूर्ति या तस्वीर को साफ आसन पर रखें।
- इसके बाद एक कलश में गंगाजल, रोली, चावल, कुछ सिक्के और एक नारियल डालकर कलश की स्थापना करें।
- इसके बाद मां अंबा को वस्त्र और चुनरी अर्पित करें फिर एक-एक कर सिंदूर, बिंदी और आभूषणों से मां का श्रृंगार करें।
- इसके बाद फूल, धूप, दीप, चंदन, अक्षत आदि चढ़ाएं और एक दीपक जलाकर अखंड ज्योत जलाएं।
- फिर अंबे माता को नैवेद्य, मिठाई, पकवान आदि का भोग लगाए और उनकी आरती करें।
- आप चाहें तो इस दिन दुर्गा चालीसा का पाठ कर सकते है। पूजा संपन्न होने के बाद आप मनोकामनाएं माता रानी से कहें। फिर परिवार के सदस्यों और आस-पड़ोस में प्रसाद का वितरण करें।
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कृष्ण छठी 2024
कृष्ण छठी या लड्डू गोपाल की छठी जन्माष्टमी त्योहार के रात भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के छठे दिन मनाया जाता है। यह हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक विशेष त्योहार है। इस दिन भगवान कृष्ण को 6 दिनों के शिशु रूप की पूजा की जाती है और उनके दीर्घायु और स्वस्थ जीवन के लिए प्रार्थना की जाती है। आज 1 सितंबर को भगवान लड्डू गोपाल के छठी पूजा पूरे श्रद्धा भाव, निष्ठा और भक्ति से की जाएगी। मान्यता है कि कृष्ण छठी पूजा करने से संतान का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और उसे लंबी उम्र का वरदान मिलता है।
कैसे करें कृष्ण छठी पूजा
- कृष्ण छठी की पूजा के लिए भक्त को स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण कर एक चौकी पर आसन जमाकर लड्डू गोपाल भगवान को स्थापित करना चाहिए।
- इसके उनका दही, दूध, घी, शहद और गंगाजल से स्नान करना चाहिए। आप चाहें तो इसका पंचामृत बनाकर भी स्नान कर सकते हैं।
- इसके बाद बाल गोपाल को पीले रंग एक नए वस्त्र पहनाकर उन्हें चंदन का तिलक लगाएं और पीले फूलों की माला अर्पित करें।
- फिर उनको कढ़ी-चावल का भोग लगाएं। आप माखन-मिश्री भी अर्पित कर सकते है। इसके उनकी आरती करें।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।