Karwa Chauth 2025: करवा चौथ के दिन महिलाएं अपने सुहाग के लिए व्रत रखती है. सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए व्रत करती हैं. यह व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि को रखा जाता है. इस बार करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर को रखा जाएगा. करवा चौथ पर महिलाएं व्रत रखती हैं और शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत खोलती हैं. इस दिन महिला निर्जला व्रत रखती है वह पूरे दिन न ही कुछ खाती है और न ही पानी पीती हैं. आइये आपको करवा चौथ पर बन रहे अशुभ योग के बारे में बताते हैं.
करवा चौथ पर अशुभ योग
करवा चौथ के दिन विडाल और व्यातीपात योग बन रहा है. यह अशुभ योग होता है जो पूजा-पाठ के लिए सही नहीं होता है. करवा चौथ के दिन 10 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 31 मिनट से रात 8 बजकर 20 मिनट तक विडाल योग बन रहा है. इसके अलावा शाम 5 बजकर 41 मिनट पर व्यातीपात योग बन रहा है जिसका समापन अगले दिन 11 अक्टूबर की दोपहर को होगा.
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क्या है विडाल और व्यातीपात योग?
ज्योतिष शास्त्र में विडाल योग एक अशुभ योग है जो शुभ कार्य के लिए अच्छा नहीं होता है. इस योग में कोई कार्य करने से कार्य में बाधा आती है और असफलता मिलती है. व्यातीपात योग भी अशुभ होता है. यह योग दुर्भाग्य, नकारात्मकता और समस्याओं को साथ लाता है. इस दौरान पूजा-पाठ करना वर्जित होता है.
समय रहते कर लें पूजा
आप करवा चौथ के दिन इस अशुभ योग के शुरू होने से पहले पूजा कर लें. वरना इस दौरान पूजा करने से आपको शुभ फल नहीं मिलेंगे. आप शाम को 5 बजे इन अशुभ योग के शुरू होने से पहले पूजा कर लें. इसके बाद सिर्फ चंद्र दर्शन और अर्घ्य देना ही बाकी रखें. करवा चौथ पर चंद्रदर्शन का समय शाम को 7 बजकर 42 मिनट पर है.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.