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मई में अब 6 दिन हैं कान छेदने की शुभ तिथि, जानें मुहूर्त और महत्व

Karnavedha Muhurat In May 2024: वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हिंदू धर्म में कुल 16 संस्कार होते हैं। ज्योतिषियों के अनुसार, 16 संस्कार में 9वां संस्कार कर्णवेध संस्कार होता है। इस संस्कार को करने से बच्चे की सुनने की क्षमता बढ़ जाती है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि मई माह में कर्णवेध संस्कार के लिए कितने शुभ तिथि है और इसका महत्व क्या है।

Edited By : Raghvendra Tiwari | Updated: May 9, 2024 09:30
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Karnavedha Muhurat

Karnavedha Muhurat In May 2024: वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सनातन धर्म में कुल 16 संस्कार होते हैं। जो जन्म संस्कार से लेकर मृत्यु संस्कार होती है। 16 संस्कार में कर्णवेध संस्कार भी आता है। इस संस्कार में कान के छेदने की परंपरा होती है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हिंदू धर्म में किसी भी कार्य को करने के लिए शुभ मुहूर्त और शुभ तिथि का महत्व होता है। इस समय मई का महीना चल रहा है और अब से लेकर मई के अंत तक कर्णवेध के लिए कौन-कौन सा शुभ मुहूर्त हैं। साथ ही हिंदू धर्म में कर्णवेध संस्कार का महत्व क्या है। आइए इन सभी के बारे में विस्तार से जानते हैं।

कर्णवेध के शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, मई माह में कर्णवेध की शुभ तिथि और मुहूर्त

दिनांक दिन  शुभ तिथि
10 मई 2024 शुक्रवार दोपहर 12:52 मिनट से शाम 07:26 मिनट तक
12 मई 2024 रविवार दोपहर 12:44 मिनट से शाम 07:38 मिनट तक
13 मई 2024 सोमवार पहला मुहूर्त- सुबह 06:10 मिनट से दोपहर 12:41 मिनट तक

दूसरा मुहूर्त- दोपहर 02:58 मिनट से शाम 07:34 मिनट तक

19 मई 2024 रविवार दोपहर 02:34 मिनट से शाम 04:51 मिनट तक
20 मई 2024 सोमवार सुबह 09:53 मिनट से शाम 04:47 मिनट तक
23 मई 2024 गुरुवार दोपहर 02:19 मिनट से शाम 06:54 मिनट तक

कर्णवेध संस्कार का धार्मिक महत्व

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सनातन धर्म में किसी भी मांगलिक कार्य करने से पहले शुभ मुहूर्त और शुभ तिथि का चयन पंडित या किसी ज्योतिष से कराया जाता है। कर्णवेध संस्कार बच्चे के जन्म के 6 महीने बाद अन्नप्राशन, कर्णवेध संस्कार जैसे अनेक तरह के शुभ संस्कार किए जाते हैं। ज्योतिषियों के अनुसार, कर्णवेध संस्कार 16 संस्कार में से 9वां स्थान पर आता है। इस संस्कार में बच्चे का कान छेदा जाता है। साथ ही उसके कान में चांदी या सोना का तार पहनाया जाता है। कर्णवेध संस्कार लड़कियों के लिए बाएं कान और लड़कों के लिए दाएं होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कर्णवेध संस्कार करने से श्रवण शक्ति ( सुनने की क्षमता) तेज हो जाता है। साथ ही जीवन की सारी नकारात्मकता दूर हो जाती है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित हैं और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। 

First published on: May 09, 2024 09:30 AM

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