Kaalchakra Today 24 November 2025: हिन्दू धर्म में करीब 18 प्रमुख पुराणों का उल्लेख मिलता है, जिसमें से एक शिव पुराण भी है. शिव पुराण में देवों के देव महादेव और उनकी अर्धांगिनी माता पार्वती के चरित्र, अवतार, शादी, संतान की उत्पत्ति आदि का वर्णन है. इसके अलावा इसमें शिव जी और शिवलिंग की पूजा के महत्व व भोलेबाबा को खुश करने के कई उपाय भी बताए गए हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो लोग नियमित रूप से बाबा को खुश करने के लिए उपाय करते हैं, उन्हें सुख-समृद्धि और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.
आज के कालचक्र में प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय आपको बताने जा रहे हैं कि कुंडली में किस ग्रह की कमजोर स्थिति के कारण कौन-सा रोग होता है. साथ ही आपको ग्रहों के अशुभ प्रभाव से बचने के उपायों के बारे में पता चलेगा.
शिव पुराण के अचूक उपाय
- सूर्य ग्रह से संबंधित कष्ट यानी सिरदर्द और नेत्र रोग से बचने के लिए शिवलिंग का पूजन आक के फूलों, पत्तों और बेलपत्र से करना चाहिए.
- खांसी, जुकाम, नजला, मानसिक रोग और रक्तचाप का संबंध चंद्रमा से है, जिससे छुटकारा पाने के लिए शिवलिंग का रुद्री पाठ करते हुए कच्चे दूध में काले तिल मिलाकर रुद्राभिषेक करना शुभ होता है.
- मंगल से संबंधित बीमारी जैसे कि रक्तचाप से मुक्ति पाने के लिए गिलोय के रस से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए.
- बुध से संबंधित रोग जैसे कि चर्म या गुर्दे की समस्या में विधार के रस से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए.
- अगर चर्बी, आंतों या लिवर की बीमारी हो तो कच्चे दूध में पीला चंदन मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करना शुभ होता है.
- शुक्र ग्रह से संबंधित रोगों से छुटकारा पाने के लिए शिवलिंग का पंचामृत, शहद और घी से अभिषेक करना चाहिए.
- सिर चकराना और मानसिक परेशानी राहु ग्रह के कारण होती है, जिससे छुटकारा पाने के लिए मृत संजीवनी का सवा लाख बार जाप करकर भांग-धतूरे से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए.
यदि आप जानना चाहते हैं कि अन्य ग्रहों का संबंध किन बीमारियों से है तो उसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देखें.
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.










