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Kaalchakra: देवी दुर्गा के ये 3 रहस्य जान हो जाएंगे हैरान! पंडित सुरेश पांडेय ने किया खुलासा

Kaalchakra News24 Today: नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है। इस दौरान माता दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की आराधना करना शुभ माना जाता है। आज नवरात्रि के खास मौके पर पंडित सुरेश पांडेय आपको माता दुर्गा से जुड़े अनसुने रहस्यों के बारे में बताने जा रहे हैं।

Edited By : Nidhi Jain | Updated: Oct 7, 2024 12:00
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क्यों-कैसे हुई थी देवी दुर्गा की उत्पत्ति?

Kaalchakra News24 Today, Pandit Suresh Pandey: हिन्दू धर्म में माता दुर्गा को देवियों में सर्वोच्च स्थान प्रदान है, जिन्हें अम्बे, शेरावाली, जगदम्बे, भगवती और पहाड़ावाली आदि नामों से देशभर में जाना जाता है। देश के कोने-कोने में माता रानी के भक्त हैं, जो उनकी नियमित रूप से पूजा-अर्चना करते हैं। खासतौर पर नवरात्रि के शुभ 9 दिनों के दौरान माता दुर्गा की पूजा करने से प्रत्येक साधक को विशेष फल की प्राप्ति होती है।

हालांकि माता के स्वरूप से जुड़े कई ऐसे रहस्य हैं, जिनके बारे में आज भी बहुत कम लोगों को पता है। शायद ही किसी को पता होगा कि माता दुर्गा क्यों प्रकट हुई थी और उन्हें कौन-कौन से अस्त्र-शस्त्र किन-किन देवी-देवताओं ने प्रदान किए थे। आज के कालचक्र में पंडित सुरेश पांडेय आपको देवी दुर्गा के स्वरूप से जुड़े अनसुने रहस्यों के बारे में बताने जा रहे हैं।

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मां दुर्गा के ये रहस्य जान रह जाएंगे हैरान

धार्मिक मान्यता के अनुसार, देवी दुर्गा के छठे रूप मां कात्यायनी देवी-देवताओं के दुख दूर करने के लिए और असुरों का संहार करने के लिए प्रकट हुई थी, जिनके हर एक स्वरूप का निर्माण किसी न किसी भगवान के तेज से हुआ है। जबकि देवताओं की शक्तियों से माता दुर्गा का जन्म हुआ था, ताकी वो असुरों के राजा महिषासुर का वध कर सकें। माना जाता है कि ब्रह्मा जी के तेज से मां कात्यायनी के दोनों चरण बने थे, जबकि सूर्य देव के तेज से उंगलियां, वसुओं के तेज से हाथों की उंगलियां, कुबेर जी के तेज से नासिक, संध्या के तेज से भौहें, वायु के तेज से कान, अग्नि के तेज से तीनों नेत्र और प्रजापति के तेज से मां के दांत प्रकट हुए थे।

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कहा जाता है कि माता दुर्गा के पास जो त्रिशूल है, वो उन्हें भगवान शिव ने अपने त्रिशूल से निकालकर दिया था। देवी दुर्गा के पास एक चक्र भी है, जो उन्हें भगवान विष्णु जी ने अपने चक्र से उत्पन्न करके दिया था। इसके अलावा माता के हाथ में जो अस्त्र-शस्त्र विराजमान हैं, वो किसी न किसी देवी-देवताओं द्वारा दिए गए हैं। इसलिए उनकी क्षमता और भी ज्यादा है।

देवी दुर्गा के पास एक दंड भी है, जो उन्हें यमराज ने काल दंड से प्रकट करके दिया था। जबकि वरुण ने पाश, प्रजापति ने माला और ब्रह्मा जी ने एक दिव्य कमंडल माता दुर्गा को दिया था। काल भैरव ने माता को चमकती हुई ढाल और तलवार दी थी। इसके अलावा सूर्य देवता ने देवी के समस्त रोम-कूपों में अपनी किरणों का तेज भरा था।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Written By

Nidhi Jain

First published on: Oct 07, 2024 12:00 PM

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