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Kaalchakra: घर की किस दिशा में मंदिर बनवाना शुभ? पंडित सुरेश पांडेय से जानें वास्तु नियम

Kaalchakra Today: वास्तु शास्त्र में घर व ऑफिस में मौजूद छोटी-से-छोटी चीज की सही दिशा के बारे में बताया गया है, जिसका ध्यान रखने से भाग्य को बल मिलता है. इसमें घर में मौजूद मंदिर से जुड़े कई नियमों का भी उल्लेख मिलता है, जिनके बारे में आज प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय आपको बताएंगे.

Author Written By: Pandit Suresh Pandey Author Published By : Nidhi Jain Updated: Nov 17, 2025 10:35
Kaalchakra Today 17 November 2025
Credit- Social Media

Kaalchakra Today 17 November 2025: हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र का खास महत्व है, जिसकी मदद से चीजों की सही दिशा और स्थान के बारे में पता चलता है. इसमें घर में मौजूद पूजा घर की बनावट, स्थान, दिशा से लेकर रंग से जुड़े नियमों का उल्लेख मिलता है, जिनका ध्यान रखने से घर-परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. साथ ही घरवालों की सेहत, आमदनी और रिश्तों आदि पर शुभ प्रभाव पड़ता है. वहीं, गलत स्थान व दिशा में मंदिर के होने से परिवार में अशांति रहती है. आए-दिन घर में क्लेश होते हैं और रिश्ते कमजोर होने लगते हैं.

आज के कालचक्र में प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय आपको बताने जा रहे हैं कि घर में किस दिशा में मंदिर रखना शुभ व अशुभ होता है. साथ ही आपको मंदिर से जुड़े अन्य वास्तु नियमों के बारे में जानने को मिलेगा.

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इस दिशा में न बनवाएं मंदिर

घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में पूजा घर नहीं रखना चाहिए. इस दिशा की ऊर्जा भगवान के लिए सकारात्मक नहीं होती है. इसलिए इस दिशा में पूजा घर रखने से पेट संबंधी रोग परेशान करते हैं. साथ ही आर्थिक स्थिति कमजोर होने लगती है. इसके अलावा व्यक्ति लोभी बन जाता है और वो किसी भी चीज से संतुष्ट नहीं रहता है. हालांकि, दक्षिण-पश्चिम दिशा में भगवान विश्वकर्मा और पितृरों की पूजा करना शुभ होता है.

उत्तर-पश्चिम दिशा में पूजा घर रखने से व्यक्ति को यात्राएं करने का मौका मिलता है. व्यक्ति का मन ज्यादातर समय अशांत रहता है. इसके अलावा उसे किसी न किसी कारण परिवार से दूर ही रहना पड़ता है. ये लोग अपने रिश्ते पूरी ईमानदारी से निभा नहीं पाते हैं.

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किस दिशा में मंदिर रखना शुभ?

उत्तर-पूर्व दिशा में देवी-देवताओं का वास होता है. ये देवगुरु बृहस्पति के साथ-साथ भगवान ब्रह्मा और विष्णु जी का कोण है. इस दिशा में मंदिर रखने से परिवार के लोगों का मन सात्विक रहता है. साथ ही सेहत अच्छी रहती है. हालांकि, इस दिशा में पत्थरों का ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. यहां पर आप लकड़ी का मंदिर रख सकते हैं.

पूर्व दिशा से सूर्य उगता है, जिसे इंद्र की दिशा माना जाता है. इस दिशा में पूजा घर बनाने से भाग्य को बल मिला है. साथ ही तरक्की होती है. इसके अलावा परिवार के सदस्यों के विचार सात्विक होते हैं और उन्हें समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है.

यदि आप मंदिर से जुड़े अन्य वास्तु नियम के बारे में जानना चाहते हैं तो उसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देखें.

ये भी पढ़ें- Laddu Gopal Chalisa । लड्डू गोपाल चालीसा: जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी… Shri Laddu Gopal Chalisa Lyrics In Hindi

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Nov 17, 2025 10:35 AM

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