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Religion

Kaalchakra: कुंडली से जानें कि आपका जन्म श्राप से हुआ है या वरदान से, पंडित सुरेश पांडेय ने बताया तरीका

Kaalchakra Today: किसी भी व्यक्ति की जन्म कुंडली को देखकर उसके बारे में बहुत कुछ पता चल सकता है। इस बात की भी जानकारी मिल सकती है कि उन्हें मनुष्य योनि किसी के श्राप के कारण मिली है या उन्हें किसी का वरदान प्राप्त है। चलिए पंडित सुरेश पांडेय से जानते हैं श्राप और वरदान से जुड़ी कई रोचक बातों के बारे में बारे में।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Nidhi Jain Updated: Jun 14, 2025 10:53
Kaalchakra Today
सांकेतिक फोटो, Credit- News24 Graphics

Kaalchakra Today: हर एक व्यक्ति के जन्म के पीछे की कोई वजह होती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जहां कुछ लोगों का जन्म पूर्वजन्म में किसी व्यक्ति द्वारा श्राप के कारण होता है तो कई लोगों को वरदान स्वरूप भी मनुष्य योनि की प्राप्ति होती है। ज्योतिष शास्त्र की मानें तो कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति को देखकर ये पता चल सकता है कि व्यक्ति का जन्म किसी श्राप के कारण हुआ है या उसे पूर्वजन्म में मनुष्य योनि में आने का वरदान मिला था। हालांकि इनका अशुभ-शुभ प्रभाव भी लोगों के वर्तमान जीवन पर पड़ता है।

आज के कालचक्र में प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय आपको बताने जा रहे हैं कि जन्म कुंडली को देखकर कैसे व्यक्ति को ये पता चल सकता है कि उनका जन्म किसी श्राप के कारण हुआ है या उन्हें किसी का वरदान प्राप्त है।

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श्राप-वरदान का जीवन पर प्रभाव

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति का वर्तमान जन्म पूर्वजन्म में मिले श्राप या वरदान के कारण होता है। श्राप के कारण जन्म लेने वाले व्यक्ति को वर्तमान जीवन में शारीरिक, आर्थिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जिससे बचने के लिए उन्हें कुल देवी और मां दुर्गा की नियमित रूप से आराधना करनी चाहिए। साधना के बल पर व्यक्ति श्राप के अशुभ प्रभाव को कम कर सकता है।

वहीं, दूसरी तरफ जिन लोगों का जन्म किसी वरदान के कारण होता है, उनके धार्मिक विचार होते हैं और वो धनी होते हैं। इसके अलावा उनका जीवन सुखमय रहता है।

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जानें पूर्वजन्म के रहस्य

  • श्राप के कारण जन्म लेने वाले व्यक्ति के लग्न में गुरु हो तो उसे आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
  • जिस व्यक्ति की कुंडली में गुरु लग्न स्थान यानी पहले भाव में हो तो उसका वर्तमान जन्म पूर्वजन्म में मिले श्राप या वरदान के कारण होता है।
  • जिन लोगों की कुंडली में गुरु ग्रह तीसरे भाव में होते हैं, वो अपने पूर्वजन्म में भी उसी परिवार में थे। जिस परिवार में वर्तमान में आपका जन्म हुआ है लेकिन ये जीवन आपको किसी महिला के श्राप या वरदान के कारण प्राप्त हुआ है।
  • जिनकी कुंडली में गुरु दूसरे या 8वें भाव में होता है, वो धार्मिक विचारों वाले या संत प्रकृति के होते हैं। ऐसे लोगों की अतृप्त इच्छाओं के पूरा न होने के कारण ही इनका फिर से जन्म होता है। ऐसे व्यक्तियों पर अदृश्य आत्माओं का आशीर्वाद भी होता है।
  • जिन लोगों की कुंडली में गुरु लग्न में होता है, उन लोगों को अकेले में पूजा करते समय किसी की उपस्थिति का आभास होता है। ऐसे व्यक्ति को अपने पूर्वजन्म के दोषों से बचने के लिए अमावस्या के दिन किसी धर्म स्थान में दूध का दान करना चाहिए। इससे आपके पितृ भी प्रसन्न होंगे।

यदि आप श्राप और वरदान से जुड़े और धार्मिक रहस्यों के बारे में जानना चाहते हैं तो इसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देखें।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Jun 14, 2025 10:53 AM

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