July Panchak 2024: हिन्दू मान्यता के अनुसार, पंचक लगने पर शुभ और मांगलिक कार्य काम नहीं किए जाते हैं। हिन्दू धर्म के 16 संस्कार, जैसे नामकरण, अन्नप्राशन (पहली बार बच्चे को अन्न खिलाना), शिक्षारंभ, उपनयन, मुंडन आदि और शुभ काम से यात्रा करने की मनाही होती है। पंचक को आम लोग ‘पचका’ भी कहते हैं? मंगलवार 23 जुलाई, 2024 से अग्नि पंचक शुरू हो रहा है। आइए जानते हैं, यह कब से कब तक है और यदि पंचक काल में किसी शुभ काम से यात्रा करनी पड़े तो क्या उपाय करने चाहिए?
कब से कब तक है जुलाई पंचक?
हिन्दू पंचांग के अनुसार, पंचक पांच दिनों का होता है। जुलाई 2024 में यह मंगलवार 23 जुलाई की सुबह 09:20 AM बजे से शुरू होगा। मंगलवार को शुरू होने के कारण यह ‘अग्नि पंचक’ है। इस पंचक की समाप्ति शनिवार 27 जुलाई की दोपहर 01:00 PM बजे होगी। बता दें, ज्योतिष शास्त्र में पंचक को दिन के अनुसार अलग-अलग नाम दिए गए हैं। रविवार से शुरू हुए पंचक को ‘रोग पंचक’ कहते हैं, तो वहीं सोमवार से आरंभ हुए पंचक ‘रज पंचक’ कहलाते हैं। जबकि मंगलवार को पड़ने वाले पंचक को ‘अग्नि पंचक’, शुक्रवार को पड़ने वाले पंचक को ‘चोर पंचक’ और शनिवार से शुरू होने पंचक को ‘मृत्यु पंचक’ कहते हैं। वहीं, बुधवार और गुरुवार से शुरू हुए पंचक ‘दोषरहित पंचक’ कहलाते हैं।
पंचक में दाह संस्कार करना भी है मना
सनातन संस्कृति में पंचक को बेहद अशुभ माना गया है। यहां तक कि पंचक के दौरान दाह संस्कार भी नहीं किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, पंचक के दौरान किसी शुभ काम से यात्रा करना भी वर्जित माना गया है। हालांकि कई बार ऐसा होता है कि पंचक होने पर भी जरूरी कार्य से यात्रा करनी पड़ती है। ऐसे में लोगों को कुछ खास ज्योतिषीय उपाय करके अपनी यात्रा आरंभ करनी चाहिए। आइए जानते हैं, क्या हैं ये विशेष उपाय?
यात्रा पर निकलने से पहले करें ये उपाय
मंगलवार के दिन लगने वाले पंचक यानी अग्नि पंचक के दौरान यदि किसी मजबूरी में यात्रा करनी पड़े, तो यात्रा करने से पहले घर के मंदिर में भगवान का दर्शन करके थोड़ा गुड़ खाएं और फिर पानी पीकर यात्रा पर निकलें। जमीन-जायदाद सबंधी काम से यात्रा पर निकलने से पहले यह उपाय बहुत लाभकारी है। किसी से मीटिंग या कारोबारी यात्रा के लिए घर से निकलने से पहले थोड़ी साबुत धनिया खाकर यात्रा के लिए निकलें। अग्नि पंचक के दौरान यात्रा पर निकलने से पहले हनुमान जी की विधिवत पूजा करने से लाभ होता है।
अक्सर एक उपाय जो लोग करते हैं, वह यह है कि आप यात्रा पर निकल जाएं और 10-15 मिनट के बाद वापस लौट कर आ जाएं। फिर कुछ समय ठहर कर और कुछ खाने के बाद दूसरी बार यात्रा पर निकलें। यदि अपने वाहन से हैं, तो मंजिल तक पहुंचने से पहले रास्ते में कम से कम तीन बार रुकने का प्रयास करें। यदि संभव हो, तो रास्ते में किसी मंदिर में भगवान के दर्शन का लाभ उठाएं। इससे पंचक दोष नहीं लगता है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।