हिंदू धर्म में हर छोटी से छोटी घटना को विशेष महत्व दिया गया है और छींक भी इसके अंदर शामिल है। भारतीय संस्कृति में छींक शुभ और अशुभ दोनों तरह से देखी जाती है। कई बार हमें छींक आना तो सामान्य लगता है, लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार छींक के पीछे शुभ और अशुभ संकेत छिपे होते हैं। आइए जानते हैं कि छींक कब शुभ होती है और कब अशुभ और इसके पीछे की धार्मिक मान्यताएं क्या हैं?
छींक के अशुभ संकेत
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छींक के कुछ खास समय पर आना अशुभ माना जाता है। जैसे:
काम पर जाने से पहले छींक आना: जब किसी व्यक्ति को यात्रा या कोई महत्वपूर्ण कार्य शुरू करने से पहले छींक आ जाए, तो इसे रुकावट का संकेत माना जाता है। इसका अर्थ है कि कोई समस्या या विघ्न आ सकता है।
दूध उबालते समय छींक आना: यदि आप दूध उबालते समय छींकते हैं, तो इसे सेहत के लिए नकारात्मक माना जाता है। यह भी माना जाता है कि इसका असर आपकी पर्सनल लाइफ पर भी पड़ सकता है और यह चिंता या मानसिक तनाव का कारण बन सकता है।
इस समय भी छींक आना होता है अशुभ!
खाना खाते समय छींक आना: यह माना जाता है कि यह एक शुभ संकेत नहीं है, और यह खाने में कोई विघ्न आ सकता है या भविष्य में कोई परेशानी हो सकती है।
शौच करते समय छींक आना: यह अशुभ माना जाता है, और कुछ लोग इसे किसी प्रकार की शारीरिक समस्या या बुरी किस्मत का संकेत मानते हैं।
सोते समय छींक आना: इसे भी अशुभ माना जाता है, खासकर यह संकेत माना जाता है कि व्यक्ति की सेहत या जीवन में कुछ नकारात्मक घटनाएं हो सकती हैं।
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छींक के शुभ संकेत
इसके उलट, छींक कुछ स्थितियों में शुभ भी मानी जाती है। उदाहरण के लिए:
एक बार छींक आना: यदि कोई व्यक्ति सोचते वक्त अचानक छींकता है, तो इसे शुभ माना जाता है। इसे यह संकेत माना जाता है कि उस व्यक्ति को आपके द्वारा शुभकामनाएँ मिल रही हैं और कुछ अच्छा होने वाला है।
एक से अधिक बार छींक आना: अगर कोई व्यक्ति बार-बार छींकता है, तो इसे शुभ का संकेत माना जाता है। यह संकेत हो सकता है कि आपको कुछ अच्छा और सकारात्मक होने वाला है।
जानवरों की छींक का महत्व
हिंदू धर्म में जानवरों की छींक का भी विशेष महत्व है। कई धार्मिक मान्यताएं इसे शुभ मानती हैं:
गाय की छींक: अगर घर से निकलते समय गाय को छींक आ जाए, तो इसे बहुत शुभ माना जाता है। यह संकेत होता है कि आपकी यात्रा या कार्य में सफलता मिलेगी।
कुत्ते की छींक: यदि कुत्ते को एक से अधिक बार छींक आती है, तो इसे भी शुभ माना जाता है। कुत्ते की आवाज में कोई सकारात्मक संदेश होता है, जो आपके लिए अच्छा हो सकता है।
छींक से लें ये सबक
छींक एक सामान्य शारीरिक क्रिया होते हुए भी, हिंदू धर्म में उसे एक विशेष प्रतीक के रूप में देखा जाता है। अगर छींक एक बार आती है, तो यह शुभ है, जबकि अगर यह बार-बार आए, तो इसे और भी अधिक शुभ माना जाता है। वहीं, कुछ स्थितियों में छींक अशुभ भी हो सकती है, जैसे महत्वपूर्ण कार्यों या यात्रा से पहले छींक आना। जानवरों की छींक भी हमारे जीवन में सकारात्मक बदलाव का संकेत देती है। इसलिए अगली बार जब छींक आए, तो बस ध्यान से देखिए और जानिए कि यह आपके लिए शुभ है या अशुभ और उसके अनुसार अपने काम का नियोजन कीजिए।
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