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Holi Bhai Dooj: होली के कितने दिनों बाद मनाते हैं भाई दूज, जानें शुभ तिथि, मुहूर्त और पौराणिक कथा

Holi Bhai Dooj 2024: पंचांग के अनुसार, साल में भाई दूज दो बार मनाया जाता है। एक दिवाली के कुछ दिन बाद और दूसरा होली के दो दिन बाद। तो आज इस खबर में जानेंगे कि होली वाले भाई दूज कब मनाया जाता है। साथ ही इस पर्व को मनाने के पीछे पौराणिक कथा क्या है।

Edited By : Raghvendra Tiwari | Updated: Mar 23, 2024 11:54
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Holi Bhai Dooj

Holi Bhai Dooj 2024: होली का त्योहार पूरे देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। सनातन धर्म में दिवाली के अलावा चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। बता दें कि होली भाई दूज को भ्रातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इस पर्व में बहने अपने भाई को तिलक लगाती हैं। साथ ही लंबी आयु और अच्छी सेहत लिए भगवान से प्राथना करती हैं।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भाई दूज वाले दिन भाई अपनी बहनों के घर जाकर भोजन ग्रहण करते हैं साथ ही बहने तिलक लगाती हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से अकाल मृत्यु का भय भी समाप्त हो जाता है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि होली के बाद किस दिन भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा।

भाई दूज कब

हिंदू पंचांग के अनुसार, होली के दिन दो दिन बाद यानी 27 मार्च को भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार, 27 मार्च को चैत्र कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है। द्वितीया तिथि की शुरुआत 26 मार्च 2024 को दोपहर 3 बजकर 55 मिनट पर हो रही है और समाप्ति अगले दिन यानी 27 मार्च 2024 दिन बुधवार को शाम 5 बजकर 6 मिनट पर होगी। उदया तिथि के अनुसार, होली भाई दूज 27 मार्च 2024 को है। बता दें कि इस दिन शुभ मुहूर्त में बहने अपने भाई को तिलक लगाती है।

तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, होली भाई दूज के दिन दो मुहूर्त बन रहा है। पहला मुहूर्त सुबह 10 बजकर 54 मिनट से लेकर दोपहर के 12 बजकर 27 मिनट तक है। वहीं होली भाई दूज का दूसरा शुभ मुहूर्त 27 मार्च को दोपहर के 3 बजकर 31 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 04 मिनट तक है। इस शुभ मुहूर्त में बहने अपने भाई को तिलक लगा सकती है।

क्यों मनाते हैं होली भाई दूज

साल में दो भाई दूज मनाया जाता है। एक दिवाली के बाद और दूसरा होली के बाद। दिवाली के बाद जो भाई दूज आता है वह पूरे देश में बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। लेकिन होली के दूसरे दिन आने वाला भाई दूज देश के कुछ हिस्सों में ही मनाय जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, होली भाई दूज के दिन यमराज अपनी बहन के घर जाकर टीका लगवाए थे साथ ही वे भोजन भी किए थे। भोजन करने के बाद यमराज ने बहन को आशार्वाद देते हैं और कहते हैं कि जो भाई अपनी बहन के घर जाकर खाना खाता है साथ ही तिलक लगवाता है उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती है। साथ ही अकाल मृत्यु का भय भी समाप्त हो जाता है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

First published on: Mar 23, 2024 11:54 AM

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