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कैंची धाम से पहले हनुमान गढ़ी मंदिर की नीम करोली बाबा ने की थी स्थापना, पढ़ें नैनीताल के इस चमत्कारी मंदिर की कहानी

Hanuman Garhi Mandir, Nainital Uttarakhand: उत्तराखंड के नैनीताल में नीम करोली बाबा ने कैंची धाम आश्रम की स्थापना की थी, जहां रोजाना बड़ी संख्या में भक्तजन बाबा के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. हालांकि, इससे पहले बाबा ने हनुमान गढ़ी मंदिर की स्थापना की थी. चलिए जानते हैं नैनीताल के इस चमत्कारी मंदिर से जुड़ी रोचक बातों के बारे में.

Author Written By: Nidhi Jain Author Published By : Nidhi Jain Updated: Nov 4, 2025 14:31
Hanuman Garhi Mandir
Credit- Social Media

Hanuman Garhi Mandir, Nainital Uttarakhand: नीम करोली बाबा एक महान संत थे. बाबा के भक्तों का मानना है कि उन्हें कई तरह की सिद्धियां प्राप्त थीं, जिनसे उन्होंने कई लोगों की मदद की है. इसके अलावा कुछ लोग नीम करोली बाबा को हनुमान जी का अवतार भी मानते हैं. उत्तराखंड के नैनीताल में नीम करोली बाबा का एक प्रसिद्ध आश्रम स्थित है, जिसे कैंची धाम के नाम से जाना जाता है. रोजाना बड़ी संख्या में भक्तजन बाबा के दर्शन करने के लिए कैंची धाम पहुंचते हैं.

हालांकि, नैनीताल शहर से लगभग 3.30 किलोमीटर की दूरी पर हनुमान जी को समर्पित एक मंदिर स्थित है, जिसके बारे में कहा जाता है कि उसकी स्थापना नीम करौली बाबा ने स्वयं अपने हाथों से की थी. आज हम आपको नैनीताल में स्थित इसी मंदिर से जुड़ी रोचक मान्यताओं के बारे में बताने जा रहे हैं.

स्वयं रखा था मंदिर का नाम

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, साल 1950 में नीम करौली बाबा ने नैनीताल शहर से लगभग 3.30 किलोमीटर की दूरी पर 6,401 फीट की ऊंचाई पर हनुमान जी के मंदिर की स्थापना करवाई थी, जिसका नाम स्वयं उन्होंने हनुमान गढ़ी रखा था. हालांकि, मंदिर बनवाने से पहले उन्होंने अपने अनुयायियों के साथ मिलकर यहां एक कुटिया का निर्माण करवाया था. वहां पर वह लंबे समय तक रहे थे. कहा जाता है कि हनुमान गढ़ी बाबा का पहला निवास स्थान है, जिसे उन्होंने कैंची धाम आश्रम से पहले बनवाया था.

शिव मंदिर का भी करवाया निर्माण

मान्यता है कि बाबा के कहने पर 1953 में हनुमान गढ़ी मंदिर में हनुमान जी की विशाल मूर्ति की स्थापना की गई. फिर 2 साल बाद मंदिर में राम जी की मूर्ति स्थापित की गई, जबकि 1956 से 1957 के बीच धाम में देवों के देव महादेव का मंदिर बनवाया गया.

मंदिर से पहले था कब्रिस्तान

कहा जाता है कि हनुमान गढ़ी की जगह पर पहले कब्रिस्तान हुआ करता था, जहां पर छोटे बच्चों को दफनाया जाता था. इसी वजह से लोग उस जगह पर जाने से डरते थे, लेकिन बाबा ने अपने हाथों से हनुमान जी की मूर्ति की स्थापना करके इस जगह को शुद्ध कर दिया.

अचानक गायब हो गए थे बच्चे

हनुमान गढ़ी मंदिर के निर्माण के बाद बाबा ने यहां पर विशाल भंडारे का आयोजन कराया था, जिस दौरान काफी बच्चों की भीड़ यहां उमड़ी थी. हालांकि, प्रसाद खाने के बाद वो बच्चे गायब हो गए, जिनके बारे में किसी को कुछ नहीं पता चला. कहा जाता है कि वो वही बच्चे थे, जिन्हें इस स्थान पर दफनाया गया था.

कैसे पहुंचे हनुमान गढ़ी?

हनुमान गढ़ी मंदिर पहुंचने के लिए सबसे पहले आपको नैनीताल जाना होगा, जिसके सबसे नजदीकी काठगोदाम रेलवे स्टेशन है. यहां से आपको हल्द्वानी की तरफ जाने के लिए कैब या टैक्सी मिल जाएगी. वहीं, जो लोग हवाई यात्रा के जरिए नैनीताल जा रहे हैं, उन्हें पंतनगर हवाई अड्डा पहुंचना होगा. यहां से आपको कैब या टैक्सी के जरिए नैनीताल जाना होगा, जिसके बाद हल्द्वानी के लिए सीधे टैक्सी मिल जाएगी.

ये भी पढ़ें- दिल्ली से कैंचीधाम जाने का बना रहे हैं प्लान, तो यहां जानिए बस, ट्रेन या फ्लाइट से कैसे पहुंचे मंदिर

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Nov 04, 2025 09:54 AM

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