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Guru Nanak Jayanti 2025: 4 या नवंबर, नानक जयंती कब है? पढ़ें गुरु नानक की ये सीख, जो बदल देंगी जीवन

Guru Nanak Jayanti 2025गुरु नानक सिख धर्म के संस्थापक थे. उनका जीवन समानता, करुणा और सत्य का प्रतीक है. आइए जानते हैं, उनकी जयंती कब है और इस पावन दिन का महत्व क्या है? साथ ही जानते हैं, जीवन को बदल देनी वाली उनकी कुछ शिक्षाएं.

Author Written By: Shyamnandan Author Published By : Shyamnandan Updated: Oct 28, 2025 18:30
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Guru Nanak Jayanti 2025: गुरु नानक देव जी सिख धर्म के संस्थापक और पहले गुरु थे. उनका जन्म सन 1469 को कार्तिक पूर्णिमा के दिन तलवंडी नामक स्थान पर हुआ था. यह स्थान अब पाकिस्तान में ननकाना साहिब के नाम से जाना जाता है. उनके पिता का नाम श्री मेहता कालू जी और माता का नाम माता तृप्ता जी था. गुरु नानक जयंती सिख धर्म के प्रमुख पर्वों में से एक है. यह दिन केवल सिखों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए प्रेरणास्रोत है. आइए जानते हैं, गुरु नानक जी की जयंती कब है और उनकी प्रमुख शिक्षाएं क्या हैं?

नानक जयंती कब है?

गुरु नानक देव जी का जन्मदिन केवल पूरे भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि वे केवल सिखों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए प्रेरणास्रोत है. इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा तिथि बुधवार 5 नवंबर, 2025 को पड़ रही है. इसी दिन गुरु नानक देव जी की जयंती मनाई जाएगी.

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ऐसे मनाई जाती है गुरु नानक जयंती

इस दिन गुरुद्वारों में कीर्तन, लंगर और नगर कीर्तन का आयोजन किया जाता है. शहरों, कस्बों और गांवों में प्रभाव फेरी निकाली जाती है. श्रद्धालु गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ करते हैं और भक्ति गीत गाते हैं. इस दिन लंगर जरूर लगाया जाता है, जिसमें में हर धर्म और जाति के लोग एक साथ बैठकर भोजन करते हैं, जो समानता और एकता का प्रतीक है.

गुरु नानक का संदेश: एक ईश्वर, एक मानवता

कहते हैं कि बचपन से ही नानक देव जी में अध्यात्म, करुणा और सत्य की झलक दिखती थी. वे सदा समाज में समानता, प्रेम और मानवता के संदेश को फैलाने में लगे रहे. उन्होंने कभी भी जाति, धर्म, ऊंच-नीच का भेदभाव नहीं किया. उनका कहना था कि ईश्वर तक पहुँचने का रास्ता भक्ति, सत्य, प्रेम और सेवा से होकर गुजरता है. उन्होंने कहा है, ‘एक ओंकार सतनाम’ अर्थात् परमात्मा एक है और वह हर जीव में विद्यमान है.

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गुरु नानक देव जी के प्रमुख सिद्धांत

गुरु नानक देव जी ने अपने उपदेशों से समाज में समानता, सच्चाई, और ईश्वर-भक्ति का संदेश दिया. उनके विचारों को तीन मुख्य सिद्धांतों में संक्षेपित किया जा सकता है:

  • नाम जपो: ईश्वर का नाम स्मरण करो और आध्यात्मिक जीवन जियो.
  • किरत करो: ईमानदारी से मेहनत करके जीविका चलाओ.
  • वंड छको: अपनी कमाई और संसाधनों को दूसरों के साथ बाँटो, जरूरतमंदों की मदद करो.

गुरु नानक की अनमोल शिक्षाएं

गुरु नानक देव जी की शिक्षाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी सैकड़ों साल पहले थीं. यहां उनकी कुछ प्रमुख सीख दी गई हैं, जो हर व्यक्ति को अपने जीवन में अपनानी चाहिए.

  • ईमानदारी और मेहनत से कमाई करें- सच्ची आजीविका ही सच्चे जीवन की पहचान है.
  • जरूरतमंद की मदद करें- अपनी कमाई का एक हिस्सा दूसरों की सेवा में लगाएं.
  • बुरा न सोचें, न करें- दूसरों को सताना अपने कर्म को दूषित करना है.
  • हमेशा खुश रहें- दुख में भी ईश्वर पर भरोसा रखें.
  • भोजन लोभ से नहीं, आवश्यकता से करें- संयम और सादगी जीवन की सुंदरता हैं.

जीवन के लिए प्रेरणा

गुरु नानक देव जी का जीवन हमें सिखाता है कि ईश्वर तक पहुंचने का मार्ग किसी मंदिर, मस्जिद या गुरुद्वारे में नहीं, बल्कि मानव सेवा और सच्चे कर्म में है. उनका संदेश है, ‘ना कोई हिंदू, ना कोई मुसलमान, सब एक ही परमात्मा की संतान हैं.’ सच तो यह है कि गुरु नानक जयंती हमें यह याद दिलाती है कि जीवन में सच्ची खुशी दूसरों की मदद करने, सच्चाई से जीने और ईश्वर की भक्ति में लीन रहने से मिलती है.

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Oct 28, 2025 06:29 PM

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