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अगस्त में कब है संकष्टी चतुर्थी? नोट करें गणेश जी की पूजा का शुभ मुहूर्त और उपाय

Gajanana Sankashti Chaturthi 2024: भगवान गणेश जी को समर्पित संकष्टी चतुर्थी का व्रत हर माह रखा जाता है। चलिए जानते हैं अगस्त में गजानन संकष्टी चतुर्थी व्रत की तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, महत्व और उपायों के बारे में।

Edited By : Nidhi Jain | Updated: Jul 25, 2024 10:33
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Gajanana Sankashti Chaturthi 2024

Gajanana Sankashti Chaturthi 2024: धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रत्येक तिथि किसी न किसी देवी-देवताओं को समर्पित है, जिस दिन उनकी पूजा करने से साधक को विशेष लाभ मिलता है। संकष्टी चतुर्थी का पर्व विशेषतौर पर भगवान गणेश को समर्पित है, जिस दिन उनकी आराधना की जाती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, प्रत्येक मास में आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर संकष्टी चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। संकष्टी चतुर्थी को गजानन संकष्टी चतुर्थी और विकट संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।

साल 2024 में सावन मास में 24 जुलाई को संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा गया था, जिसके बाद अगस्त में भी ये व्रत रखा जाएगा। चलिए जानते हैं संकष्टी चतुर्थी की तिथि और गणेश जी की पूजा करने का शुभ मुहूर्त व उपायों के बारे में।

संकष्टी चतुर्थी व्रत कब रखा जाएग?

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल 21 अगस्त को शाम 5 बजकर 7 मिनट से कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि का आरंभ हो रहा है, जिसका समापन अगले दिन 22 अगस्त को सुबह 01 बजकर 46 मिनट पर होगा। वहीं कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि का आरंभ 22 अगस्त को प्रात: काल 01:46 मिनट से होगा, जिसका समापन 23 अगस्त को सुबह 10:39 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर गजानन संकष्टी चतुर्थी का व्रत 22 अगस्त 2024 को रखा जाएगा।

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गणेश जी की पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?

कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा के तीन शुभ मुहूर्त हैं। 22 अगस्त को गणेश जी की पूजा का अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:04 से लेकर दोपहर 12:54 मिनट तक है। वहीं अमृत काल का शाम 05:46 मिनट से लेकर 07:12 मिनट तक है। इसके अलावा ब्रह्म मुहूर्त प्रात: काल 04:33 से लेकर 05:21 मिनट तक है।

संकष्टी चतुर्थी व्रत का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी के दिन महिलाएं यदि व्रत रखती हैं, तो उनके पति की आयु में वृद्धि होती है। संतान की सलामती के लिए भी महिलाएं संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखती हैं। इसके अलावा संकष्टी चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा की उपासना और व्रत करने से घर-परिवार में सकारात्मकता का वास होता है। साथ ही साधक की सभी परेशानियां गणेश जी हर लेते हैं, जिससे साधक को जीवन में सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है।

संकष्टी चतुर्थी के दिन चन्द्र देव की आराधना करना बेहद शुभ होता है। इससे साधक को देवताओं का विशेष आर्शीवाद प्राप्त होता है।

गणेश जी को प्रसन्न करने के उपाय

  • संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी को सिंदूर अर्पित करने से घर-परिवार में खुशियों का वास होता है।
  • गणेश जी को 11 दूर्वा पत्तियां अर्पित करने से साधक को मनोवांछित फल मिलता है।
  • श्री गणेश को संकष्टी चतुर्थी के दिन मोदक, लड्डू, गुड़हल का फूल और फल अर्पित करना शुभ होता है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Jul 25, 2024 10:33 AM

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