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Pradosh Vrat 2025: हिंदू नववर्ष का पहला प्रदोष व्रत कब? जानिए डेट, शुभमुहूर्त और पूजा विधि!

Pradosh Vrat 2025: हिंदू नववर्ष की शुरुआत चैत्र माह के शुक्ल पक्ष से मानी जाती है। इस कारण चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के दिन साल का पहला प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इसके साथ ही इस दिन पूजा को बेहद ही खास माना जाता है। आइए जानते हैं कि साल का पहला प्रदोष कब है।

Author Edited By : Mohit Updated: Apr 9, 2025 14:48
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Pradosh Vrat 2025: हिंदू नववर्ष और साल 2025 के अप्रैल माह का पहला प्रदोष व्रत चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को रखा जाता है। मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने से हर मनोकामना पूरी हो जाती है। इसके साथ ही लाइफ स्मूद चलने लगती है।

प्रदोष व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन किया जाता है। माना जाता है प्रदोष के दिन भोलनाथ और माता पार्वती का पूजन करने मात्र से जीवन के हर दुख दूर होते हैं। इसके साथ ही सभी प्रकार के रोग, दोष भी मिट जाते हैं। आइए जानते हैं कि अप्रैल माह का पहला प्रदोष व्रत कब है?

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कब है अप्रैल का पहला प्रदोष व्रत?

द्रिक पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 9 अप्रैल की रात 10 बजकर 55 मिनट से शुरू हो रही है। यह 11 अप्रैल की सुबह 1 बजे तक रहने वाली है। उदया तिथि के अनुसार प्रदोष व्रत 10 अप्रैल गुरुवार को रखा जाएगा। गुरुवार को पड़ने वाले प्रदोष को गुरु प्रदोष कहा जाता है।

इतने बजे तक रहेगा पूजा का शुभ मुहूर्त

10 अप्रैल को गुरु प्रदोष व्रत के पूजन के लिए शुभ मुहूर्त 2 घंटे तक रहेगा। पूजा का शुभ मुहूर्त 6 बजकर 44 मिनट से रात 8 बजकर 59 मिनट तक रहेगा। इस समय में प्रदोष व्रत की पूजा करना अच्छा रहेगा।

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इन शुभ योगों का बन रहा है संयोग

अप्रैल 2025 के पहले प्रदोष व्रत के दिन तीन शुभ योग बन रहे हैं। प्रदोष के दिन रवि, वृद्धि और ध्रुव योग बनेंगे। इसमें रवि योग दोपहर 12 बजकर 24 से 11 अप्रैल सुब 6 बजे तक रहेगी। वहीं, वृद्धि योग शाम 6 बजकर 59 तक रहेगा। इसके बाद ध्रुव योग शुरू हो जाएगा। तीन शुभ योगों के चलते यह प्रदोष व्रत दोगुना फलदायक होगा।

ऐसे करें पूजा

गुरु प्रदोष व्रत में शिवलिंग का जल, दूध, पंचामृत से अभिषेक करें। इसके साथ ही प्रभु को बेलपत्र, धतूरा और सफेद फूल अर्पित करें। माना जाता है कि इस व्रत को करने से हर बाधा और संकट से रक्षा होती है।

मिलते हैं ये लाभ

गुरु प्रदोष का व्रत रखने से कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति मजबूत होती है। इससे जीवन में संपन्नता आती है। इसके साथ ही करियर और कारोबार में भी आपको लाभ होगा। पितरों का आशीर्वाद भी आपको मिलेगा। भविष्य में होने वाली दुर्घटनाओं का खतरा भी टल जाता है। इसके साथ ही भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी अंक धार्मिक शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Mohit

First published on: Apr 09, 2025 02:48 PM

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