साल 2025 के वैशाख माह की 13 अप्रैल से शुरुआत हो चुकी है। 14 अप्रैल को मेष संक्रांति के दिन इस माह का पहला सोमवार है, जो वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि पड़ रहा है। हिन्दू धर्म में सोमवार का दिन महादेव भगवान शिव को समर्पित है। मान्यता है कि सोमवार को आशुतोष भगवान शंकर की पूजा और व्रत से जीवन की परेशानियों और कष्टों का निवारण होता है और सुख, समृद्धि और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
बहुत से वैशाख माह के पहले सोमवार को व्रत रखते हैं। इस दिन का विशेष महत्व है क्योंकि यह मेष संक्रांति का दिन भी है। यदि आप भी सोमवार व्रत रखते हैं, तो आपको कुछ गलतियां करने से बचना बहुत जरूरी है, वरना व्रत का फल अधूरा रह जाएगा। आइए जानते हैं, ऐसी 7 प्रमुख गलतियां, जिन्हें सोमवार व्रत के दिन करने से बचना चाहिए।
शिवलिंग पर न चढ़ाएं हल्दी
भगवान शिव को हल्दी अर्पित करना वर्जित है। यह पूजा के नियमों के विरुद्ध माना गया है। शिवलिंग पर केवल जल, बेलपत्र, दूध, भस्म, और धतूरा जैसी वस्तुएं चढ़ाएं।
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शाम के बाद शिवलिंग पर न करें जल अर्पण
शिवलिंग पर जल अर्पण केवल सूर्योदय से पहले या दिन में किया जाना चाहिए। शाम के समय जल चढ़ाना उचित नहीं माना जाता। यह नियम विशेष रूप से व्रत के दिन ध्यान में रखें।
तामसी भोजन से करें परहेज
व्रत के दिन लहसुन, प्याज, मांस-मछली, शराब आदि जैसे तामसी भोजन से पूरी तरह दूर रहना चाहिए। यह दिन सात्विकता और शुद्धता का होता है।
पूजा के समय न करें बातें
भगवान की पूजा करते समय एकाग्रता बहुत जरूरी है। मोबाइल फोन, टीवी या इधर-उधर की बातें ध्यान भटकाती हैं। इसलिए पूजा के समय शांति और ध्यान बनाए रखें।
बिना स्नान न करें पूजा
सोमवार व्रत के दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करना और शुद्ध होकर ही पूजा करना चाहिए। बिना स्नान पूजा करना अपवित्र माना जाता है।
घर और मंदिर की सफाई
भगवान शिव को स्वच्छता बहुत प्रिय है। पूजा स्थान और घर को स्वच्छ रखकर ही पूजा करें। गंदगी में की गई पूजा का फल अधूरा रह सकता है।
व्रत को केवल नियम समझकर न निभाएं
व्रत केवल खानपान की सीमाओं तक नहीं है, यह मन, वचन और कर्म की भी परीक्षा है। गुस्सा करना, झूठ बोलना या बुरे विचार लाना भी व्रत को खंडित कर सकता है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।