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Religion

Panchmukhi Hanuman: पंचमुखी हनुमान के हर मुख की है अनूठी शक्ति, पूजा से मिलते हैं विशेष फल और सिद्धियां

भगवान हनुमान का पंचमुखी रूप काफी विशेष और महाशक्तिशाली स्वरूप है। मान्यता है कि यदि श्रद्धा और विश्वास से उनकी पूजा की जाए, तो जीवन की सभी कठिनाइयों को पार किया जा सकता है। आइए जानते हैं, पंचमुखी हनुमान कैसे प्रकट हुए और हर मुख की पूजा से क्या फल मिलता है?

Author Edited By : Shyam Nandan Updated: Apr 12, 2025 23:20
Panchmukhi-Hanuman-Significance-Puja-Benefits

पंचमुखी हनुमान का स्वरूप हिन्दू धर्म में बेहद चमत्कारी और शक्तिशाली माना गया है। आमतौर पर हम हनुमानजी को एक ही मुख और शरीर वाले रूप में पूजते हैं, लेकिन उनका पंचमुखी रूप पांच अलग-अलग दिशाओं और शक्तियों का प्रतिनिधित्व करता है। यह रूप न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि भक्तों के जीवन में आने वाली कठिनाइयों को भी दूर करने वाला माना जाता है।

ऐसे प्रकट हुए पंचमुखी हनुमान

पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह रूप तब प्रकट हुआ जब रावण का भाई अहिरावण भगवान राम और लक्ष्मण को पाताल लोक ले गया था। कहते हैं कि अहिरावण ने पांच दिशाओं में दीपक जलाए थे। उसे यह वरदान था कि जो कोई भी एक साथ पांचों दीपकों को बुझाएगा, वही उसका वध कर पाएगा। हनुमानजी ने जब यह सुना, तो उन्होंने पांच दिशाओं में एक साथ देखने और राक्षस अहिरावण का वध करने के लिए पंचमुखी रूप धारण किया। तभी से पंचमुखी हनुमान की पूजा का प्रचलन शुरू हुआ।

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हर मुख का विशेष महत्व

पंचमुखी हनुमान के पांच मुख हैं: हनुमान, नरसिंह, गरुड़, वराह और हयग्रीव। आइए जानते हैं कि हर मुख का क्या विशेष महत्व है?

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हनुमान मुख

यह मूल मुख है, जो वीरता, शक्ति और बुद्धि का प्रतीक है और पूर्व दिशा का प्रतिनिधित्व करता है। यह मुख शत्रुओं पर विजय दिलाता है और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करता है।

नरसिंह मुख

यह मुख क्रोध और राक्षसी शक्तियों के विनाशक भगवान नरसिंह का है। हनुमानजी का यह मुख दक्षिण दिशा का प्रतिनिधित्व करता है। इससे भय, चिंता, अवसाद और मानसिक तनाव दूर होते हैं।

गरुड़ मुख

गरुड़ मुख जीवन की रुकावटों, कर्ज, और विष से सुरक्षा देने वाला माना जाता है। यह मुख पश्चिम दिशा का प्रतिनिधित्व करता है और जीवन में गति और सकारात्मक ऊर्जा लाता है।

वराह मुख

यह धरती के उद्धारक वराह भगवान का रूप है, जो उत्तर दिशा का प्रतिनिधित्व करता है। इससे आयु में वृद्धि, यश, समृद्धि और शारीरिक बल की प्राप्ति होती है।

हयग्रीव मुख

हयग्रीव, ज्ञान और विद्या के देवता माने जाते हैं। यह ऊपर की दिशा यानी आकाश का प्रतिनिधित्व करता है। यह मुख बुद्धि, स्मरण शक्ति, और मनोकामनाओं की पूर्ति में सहायक है।

पंचमुखी हनुमान की पूजा कैसे करें?

पंचमुखी हनुमान की मूर्ति या चित्र घर के पूजा स्थान में पूर्व दिशा की ओर रखें। मंगलवार और शनिवार को विशेष पूजा करें, सिंदूर, चमेली का तेल, और लाल फूल चढ़ाएं। “ॐ पंचमुखाय हनुमते नमः” मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें। अपने कष्ट, शत्रु बाधा या भय से मुक्ति के लिए विशेष मनोकामना के साथ पूजा करें।

पंचमुखी हनुमान की पूजा से लाभ

पंचमुखी हनुमान का हर मुख एक विशेष शक्ति का प्रतीक है, जो जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों में संतुलन और सफलता प्रदान करता है। हनुमान जी पंचमुखी की पूजा से जीवन के कई क्षेत्रों में चमत्कारी लाभ मिलते हैं:

  • शत्रुओं का नाश होता है और भय, चिंता और बुरे सपनों से छुटकारा मिलता है।
  • पढ़ाई और करियर में सफलता मिलती है और व्यापार में वृद्धि और आर्थिक समृद्धि आती है।
  • मानसिक और शारीरिक बल की प्राप्ति होती है। शरीर और मन स्वस्थ और निरोग राहत है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Shyam Nandan

First published on: Apr 12, 2025 09:13 PM

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