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Diwali 2025: दिवाली आज, जानें लक्ष्मी-गणेश जी की पूजा का मुहूर्त, पूजन विधि, मंत्र और आरती

Diwali 2025 Shubh Muhurat & Puja Vidhi: देशभर में आज 20 अक्टूबर 2025, वार सोमवार को दीपों का पर्व दिवाली मनाया जा रहा है. आज के दिन भगवान राम, गणेश जी और माता लक्ष्मी की पूजा करने के साथ घर में दीपक जलाना शुभ होता है. चलिए अब जानते हैं दिवाली पूजा के महत्व, शुभ मुहूर्त, पूजन विधि से लेकर मंत्र और आरती के बारे में.

Author Written By: Nidhi Jain Author Published By : Nidhi Jain Updated: Oct 20, 2025 05:59
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Credit- Social Media

Diwali 2025 Shubh Muhurat & Puja Vidhi: बीते दिन 19 अक्टूबर को देशभर में छोटी दिवाली का पर्व मनाया गया, जिसके बाद आज यानी 20 अक्टूबर को दिवाली का त्योहार मनाया जा रहा है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास में आने वाली कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को दिवाली का पर्व मनाया जाता है. पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में कार्तिक अमावस्या के दिन भगवान श्रीराम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे, जिनके स्वागत के लिए नगरवासियों ने दीपों से संपूर्ण अयोध्या को जगमगाया था. इसलिए इस दिन राम जी की पूजा की जाती है. इसी तिथि पर समुद्र मंथन से माता लक्ष्मी का प्राकट्य हुआ था, इसलिए दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है. इसके अलावा मां लक्ष्मी के साथ गणेश जी की पूजा भी की जाती है.

मान्यता है कि दिवाली पर पूजा-पाठ और दीपक जलाने से घर में खुशहाली, धन, वैभव और सुख-समृद्धि का स्थायी वास होता है. आइए अब जानते हैं दिवाली की पूजा के शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, मंत्र और आरती आदि के बारे में.

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दिवाली की पूजा का शुभ मुहूर्त

  • लक्ष्मी मुहूर्त- शाम 7:08 से रात 8:18 मिनट तक
  • प्रदोष काल- शाम 5:46 से रात 8:18 मिनट तक
  • वृषभ लग्न- शाम 7:08 से रात 9:03 मिनट तक
  • महानिशीथ काल- रात 11:41 से सुबह 12:31 मिनट तक
  • सिंह लग्न- रात 1:38 से सुबह 3:56 मिनट तक

इन सभी मुहूर्त में से किसी में भी गणेश जी और लक्ष्मी जी की पूजा की जा सकती है.

दिवाली की पूजा की विधि

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कार्य करने के बाद नए कपड़े धारण करें.
  • सूर्य देव को जल अर्पित करें.
  • घर के मंदिर की सफाई करें.
  • पूजा स्थल पर एक चौकी रखें. उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं, फिर लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें.
  • शाम में शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी-गणेश की पूजा करें. उन्हें तिलक लगाएं और पूजा सामग्री अर्पित करें.
  • घी का दीपक जलाएं.
  • मंत्र जाप करें और लक्ष्मी-गणेश की आरती करें.
  • घर के कोने-कोने में दीपक जलाएं.
  • घी का बड़ा दीपक पूरी रात मंदिर स्थान पर जले रहने दें.

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दिवाली पूजा की सामग्री (Diwali Puja Samagri)

  • लकड़ी की चौकी
  • लाल कपड़ा
  • मां लक्ष्मी और गणेश जी की प्रतिमा
  • गंगाजल
  • फूल
  • फूल माला
  • शंख
  • थाली
  • चांदी का सिक्का
  • खील-बताशे
  • रोली
  • अक्षत
  • सुपारी
  • लौंग
  • अगरबत्ती
  • धूप
  • दीपक
  • हल्दी की गांठ
  • दूर्वा घास
  • प्रसाद के लिए मिठाई

दिवाली पर इन मंत्रों के जाप से होगा महालाभ

  • गणेश जी- ॐ गं गणपतये नमः
  • लक्ष्मी जी- ॐ महालक्ष्म्यै नमः
  • राम जी- ॐ श्री रामचन्द्राय नमः

दिवाली पर करें लक्ष्मी-गणेश की आरती

  • गणेश जी-

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

भगवान गणेश की जय, पार्वती के लल्ला की जय….

  • लक्ष्मी जी-

ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।

तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।

मैया तुम ही जग-माता।।

सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।

मैया सुख सम्पत्ति दाता॥

जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।

मैया तुम ही शुभदाता॥

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।

मैया सब सद्गुण आता॥

सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।

मैया वस्त्र न कोई पाता॥

खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।

मैया क्षीरोदधि-जाता॥

रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।

मैया जो कोई जन गाता॥

उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

ऊं जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।

तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता। ऊं जय लक्ष्मी माता।।

दोहा

महालक्ष्मी नमस्तुभ्यम्, नमस्तुभ्यम् सुरेश्वरि।

हरिप्रिये नमस्तुभ्यम्, नमस्तुभ्यम् दयानिधे।।

पद्मालये नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं च सर्वदे।

सर्व भूत हितार्थाय, वसु सृष्टिं सदा कुरुं।।

सब बोलो लक्ष्मी माता की जय, लक्ष्मी नारायण की जय।।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Oct 20, 2025 05:43 AM

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