Dasha Mata Vrat 2025: चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को दशा माता का व्रत किया जाता है। दशा माता का यह व्रत मां पार्वती को समर्पित है। यह व्रत करने से दसों दिशाओं से आपके घर में धन-धान्य सुख शांति समृद्धि की वृद्धि होती है। यह व्रत होली के दूसरे दिन से दशमी तिथि तक किया जाता है। ऐसा संभव न हो तो मात्र दशमी तिथि को भी इस व्रत को किया जाता है। धर्म की अच्छी खासी जानकारी रखने वाली नम्रता पुरोहित ने दशा माता व्रत, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में बताया है। आइए विस्तार से जानते हैं।
दशा माता व्रत कब रखा जाएगा?
दशा माता व्रत चैत्र माह की दशमी को रखा जाता है। इस बार 24 मार्च सोमवार को ये व्रत रखा जाएगा। दशमी तिथि की शुरुआत 24 मार्च को सुबह 5:39 पर होगी। तिथि की समाप्ति 25 मार्च मंगलवार को सुबह 5:05 पर होगी।
कैसे रखते हैं दशा माता का व्रत?
दशा माता के इस व्रत में एक समय का भोजन किया जाता है। कई जगह इस दिन पूरा उपवास रखा जाता है। यानी बिना नमक का भोजन किया जाता है। सुहागिन महिलाएं इस व्रत को जीवन भर रखती है। इस व्रत का उद्यापन नहीं किया जाता है।
दशा माता की पूजा विधि
इस व्रत में पीपल के वृक्ष की पूजा की जाती है माना जाता है। दशमी तिथि के दिन पीपल के वृक्ष में स्वयं श्री हरि विष्णु और लक्ष्मी का वास होता है। इस दिन पीपल को जल और कच्चे दूध से सींचा जाता है। उसके चारों तरफ कच्चा सूत लपेटा जाता है। सभी प्रकार की पूजन सामग्रियों से पीपल के वृक्ष की पूजा अर्चना की जाती है। पीपल के वृक्ष की परिक्रमा की जाती है। पीपल के पत्ते को या पेड़ की छाल को तोड़कर लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखा जाता है। पूजन करने के बाद घर में आकर मुख्य दरवाजे पर हल्दी और कुमकुम के छापे लगाए जाते हैं। इसके अलावा नल राजा और दमयंती रानी की कहानी सुनी जाती है।
दशा माता का डोरा धारण करना जरूरी
इस व्रत में डोरा यानी धागा जिसमें दस गांठे लगाई जाती हैं, सुहागिन महिलाएं अपने गले में धारण करती हैं। कई स्थानों पर सिर्फ दशा माता के व्रत के दिन दशा माता का डोरा पूरे दिन धारण किया जाता है। ये डोरा साल भर के लिए धारण किया जाता है। अगर साल भर पहनना संभव न हो तो किसी भी वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष में अच्छा दिन देखकर पीपल के पेड़ पर या मां पार्वती के चरणों में इस डोरे को अर्पित कर दिया जाता है। इस व्रत को अपने परिवार की परंपरा के अनुसार किया जाता है। इस धागे का विशेष महत्व होता है कि इसे दशा माता का डोरा कहा जाता है।
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दशा माता व्रत के दिन क्या करें?
- दशा माता व्रत के दिन महिलाएं हाथों में मेहंदी लगाती हैं।
- संजे सवरने के साथ महिलाओं को सुहाग की चीजों का दान करना चाहिए।
- इस दिन झाड़ू की भी खरीदारी जरूर करें।
- इस दिन घर में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।