Chhath Puja Niyam: चार दिवसीय छठ के महापर्व से लोगों की खास आस्था जुड़ी हुई है। ये त्योहार खासतौर पर यूपी, बिहार, ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल के लोग मनाते हैं। छठ का पर्व चार दिनों तक मनाया जाता है, जिस दौरान सूर्य देवता और छठी माई की पूजा की जाती है। आमतौर पर छठ का व्रत विवाहित महिलाएं अपने बच्चों की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाल जीवन के लिए रखती हैं। हालांकि अब बदलते दौर में विवाहित महिलाओं के अलावा अविवाहित कन्याएं भी छठ पूजा करती हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि यदि अविवाहित कन्याएं छठ का व्रत रखती हैं, तो उन्हें किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
2024 में छठ पूजा की सही तिथि
नहाय-खाय: 5 नवंबर
खरना: 6 नवंबर
संध्या सूर्य अर्घ्य: 7 नवंबर
प्रातः सूर्य अर्घ्य और व्रत का पारण: 8 नवंबर
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छठ पूजा का महत्व
धार्मिक मान्यता के अनुसार, अविवाहित कन्याएं सूर्य देवता और छठी माई की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए छठ का व्रत रख सकती हैं। अविवाहित कन्याएं यदि सच्चे मन और पूरे नियमों के अनुसार छठ की पूजा करती हैं, तो उन्हें मनचाहा वर मिलता है। साथ ही जीवन में सुख, शांति, वैभव, यश और खुशियों का वास रहता है। इसके अलावा उन्हें पैसों की कमी का भी सामना नहीं करना पड़ता है।
छठ पूजा के नियम
जिस तरह शादीशुदा महिलाएं छठ का व्रत रखती हैं और जिन नियमों का पालन वो करती हैं, उन्हीं नियमों का पालन अविवाहित कन्याओं को करना चाहिए। इसके अलावा इन बातों का ध्यान भी रखें-
- अविवाहित कन्याएं छठ पूजा के दौरान साफ-सफाई और शुद्धता का ध्यान रखें। नहाय-खाय के दिन घर की साफ-सफाई जरूर करें।
- नहाय-खाय के दिन शुद्ध कपड़े पहनें और सात्विक भोजन ही खाएं।
- यदि अविवाहित कन्याएं छठ का व्रत रख रही हैं, तो छठ का प्रसाद चूल्हे पर अपने हाथों से बनाएं।
- जो छठ का व्रत करती हैं, उन्हें उपवास के दौरान जमीन पर सोना चाहिए।
- व्रत के दौरान किसी से गलत न बोलें और लड़ाई-झगड़ा न करें।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।