Chanakya Niti: चाणक्य कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति की बातें उसके व्यक्तित्व को दर्शाता है। व्यक्ति का विकास उसके व्यक्तित्व पर काफी हद तक निर्भर करता है। लेकिन कई लोग ऐसे होते हैं जो शर्म के कारण तरक्की नहीं कर पाते और उसके व्यक्तित्व का विकास भी नहीं होता। चलिए जानते हैं कि चाणक्य के मुताबिक किन 4 स्थानों पर शर्म करने से मनुष्य सफल नहीं होता।
1. पैसे लेते या देते समय
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि पैसों की आवश्यकता हर इंसान को होती है। संकट में फंसे हुए मनुष्यों को चाहिए कि वह अपने भाई या रिश्तेदार से बिना किसी शर्म के पैसे मांग लें। हो सकता है यदि आपने पैसे मांगने में शर्म की तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसी तरह यदि आपने किसी को पैसा उधार दे रखा है और काफी समय होने के बाद भी वह वापस न लौटा रहा है तो बिना शर्म किए पैसे मांग लें। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपको आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
2. खाते समय
अकसर ये देखा जाता है कि लोग भूख रहते हुए भी किसी के पूछने पर खाने से इंकार कर देते हैं। लेकिन आचार्य चाणक्य कहते हैं कि यदि किसी को भूख लगा हो तो उसे खाने से मना नहीं करना चाहिए। यदि आप किसी दूसरे के घर में हैं और आपको भूख लगी है तो मांगकर खा लें। खाना जिन्दा रहने के लिए सबसे जरूरी है। आचार्य चाणक्य के अनुसार भूखा मनुष्य अपनी सोचने-समझने की शक्ति खो देता है। इसलिए खाते समय कभी भी शर्म न करें और भरपेट भोजन जरूर करें।
3. शिक्षा प्राप्त करते समय
आचार्य चाणक्य कहते हैं शिक्षा ही वह वस्तु है जो मनुष्यों को दूसरे प्राणियों से अलग बनाता है। शिक्षा के बिना मनुष्य जानवर के समान होता है। इसलिए जब आप शिक्षा ग्रहण कर रहें हों तो किसी भी प्रकार का शर्म न करें। मूर्ख व्यक्ति भी कभी-कभी अच्छी बातें सिखा जाता है। अगर सामने वाला आपसे उम्र में छोटा हो तो उस से भी शिक्षा अवश्य लें। शिक्षा लेते समय मन में जो भी प्रश्न आए उसे अपने गुरु से अवश्य पूछें। यह न सोचें कि बाकी लोग आपके बारे में क्या सोचेंगे। यदि आपने ऐसा नहीं किया तो आपके पास डिग्री तो कई आ जाएंगी लेकिन आप ज्ञानी नहीं बन पाओगे। इसके बाद समाज आपको ताने देता रहेगा और आपको उम्र भर ताने सुनने ही पड़ेंगे।
4. बिना शर्म किए रखें अपनी बात
अकसर देखा जाता है कि अधिकतर मनुष्य शर्म के कारण लोगों से अपनी बातें नहीं कह पाते। चाणक्य कहते हैं कि ऐसा मनुष्य जीवन में कभी भी तरक्की नहीं कर सकता। चाणक्य के मुताबिक व्यक्ति की बात, उसकी पर्सनालिटी को भी दिखाता है। जीवन में आगे बढ़ने के लिए अच्छे पर्सनालिटी का होना बहुत जरूरी है। इसलिए आपके मन में जो भी बात आए वह बिना किसी शर्म के लोगों से अवश्य कह दें।
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