सनातन धर्म के लोगों के लिए चैत्र माह के हर एक दिन का खास महत्व है। माना जाता है कि चैत्र माह में जो लोग सच्चे मन से पूजा-अर्चना करते हैं, उन्हें अपनी कई समस्याओं से छुटकारा मिलता है। चैत्र माह में आने वाली पूर्णिमा तिथि को भी बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है, जिस दिन भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा की जाती है। चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती का भी पर्व मनाया जाता है, जिस दिन बजरंग बली की पूजा की जाती है।
इस साल 12 अप्रैल 2025 को चैत्र पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। जहां कुछ लोग इस दिन केवल देवी-देवताओं की पूजा करते हैं, तो कुछ व्रत भी रखते हैं। चलिए जानते हैं चैत्र पूर्णिमा के दिन से जुड़े खास नियमों के बारे में।
चैत्र पूर्णिमा के दिन कौन-कौन से कामों को करने से बचें?
- भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते अति प्रिय हैं। इसलिए चैत्र पूर्णिमा के दिन तुलसी की पूजा करें। लेकिन तुलसी का पत्ता न तोड़ें। इससे आपको माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है।
- चैत्र पूर्णिमा के शुभ दिन सूर्यास्त के बाद तुलसी के पेड़ में जल अर्पित करने से बचें। इससे आपसे माता लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं। इसके अलावा आपको ग्रह दोष भी लग सकता है।
- इस दिन घर में गंध युक्त चीजें, तामसिक भोजन और मांस-मदिरा नहीं लाना चाहिए। इसके अलावा इन चीजों का सेवन भी न करें। यदि आप इस नियम को तोड़ते हैं, तो आपको अपनी पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलेगा। मान्यता है कि इन चीजों का व्यक्ति के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- चैत्र पूर्णिमा की रात दही का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे आपको चंद्र दोष लग सकता है, जिसके कारण आपके जीवन में धन संबंधित परेशानियां बढ़ेंगी।
- चैत्र पूर्णिमा के शुभ दिन झूठ न बोलें और किसी का अनादर न करें। खासतौर पर महिलाओं और बड़े-बुजुर्गों को सम्मान दें।
- चैत्र पूर्णिमा के दिन दान की हुई चीजें नहीं खानी चाहिए। इसके अलावा किसी के भी घर से आई मिठाई या खाने की वस्तु न खाएं।
- चैत्र पूर्णिमा के दिन नाखून, बाल और दाढ़ी काटने से बचें। इससे आपके जीवन में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा, जिसके कारण आप मानसिक रूप से परेशान रहेंगे।
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चैत्र पूर्णिमा की पूजा का शुभ मुहूर्त
चैत्र पूर्णिमा पर ब्रह्म मुहूर्त प्रात: काल में 04:29 मिनट से लेकर 05:14 मिनट तक है। इसके बाद अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:56 से दोपहर 12:48 मिनट तक है। 12 अप्रैल 2025 को स्नान-दान का उत्तम मुहूर्त सुबह में 7:35 से लेकर 9:10 मिनट तक है। इस शुभ दिन हनुमान जी की पूजा का समय सुबह 7 बजे से लेकर 8:30 मिनट तक है।
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