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हर युवा को बुद्ध पूर्णिमा पर जाननी चाहिए भगवान बुद्ध की कथा, सभी कार्यों में मिलेगी सफलता

Budh Purnima Katha: पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार भगवान बुद्ध अपने शिष्य के साथ कहीं जा रहे थे। जब वे एक गांव गुजर रहे थे तो उस गांव के लोग पानी की समस्या से परेशान थे। गांव की हालत देखकर भगवान बुद्ध के शिष्य ने बुद्ध देव से पूछा कि हे भगवन इस गांव के लोग पानी की समस्या से क्यों परेशान हैं। क्या इस गांव में सच में पानी नहीं है। तब भगवान बुद्ध ने कहा कि...

Edited By : Raghvendra Tiwari | Updated: May 17, 2024 14:46
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Budh Purnima Katha

Budh Purnima Katha: बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान बुद्ध के जीवन की एक-एक घटना ज्ञान और सीख से भरी है। दुनिया के सभी सफल व्यक्तियों ने उनकी शिक्षाओं और उनके अनमोल विचारों से प्रेरणा ली है। हमें भी जीवन में सफलता पाने और जीवन जीने के सुगम मार्ग के चुनाव के लिए गौतम बुद्ध से जुड़ी कहानियों को जरूर जानना चाहिए। आइए जानते हैं, उनके जीवन से जुड़ी एक खास कथा जो आपको मोटिवेट कर सकती है।

Budh Purnima Katha

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गौतम बुद्ध की कहानी

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, एक बार भगवान गौतम बुद्ध अपने भिक्षुओं के साथ किसी गांव से गुजर रहे थे। जिस गांव से गौतम बुद्ध गुजर रहे थे उस गांव के लोग पानी की त्रास से परेशान थे। उस गांव के लोगों को पानी के लिए दूर जाना पड़ता था। जब भगवान गौतम बुद्ध जा रहे थे तो कुछ दूर जाने के बाद एक बड़ा मैदान मिला, जो गांव के करीब था। उस मैदान में कई छोटे-छोटे गड्ढे खुदे हुए थे। भगवान गौतम बुद्ध का एक शिष्य ने उनसे आग्रह करते हुए पूछा की भगवन इस मैदान में इतने सारे गड्ढे क्यों खुदे हुए हैं। आखिर ऐसा क्यों हुआ है और उनका क्या उपयोग है।

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शिष्य की बात सुनकर भगवान बुद्ध ने मुस्कुराते हुए कहा कि हैं शिष्य इस गांव में जल की समस्या हैं और गांव के लोग पानी की खोज में मैदान में जगह-जगह गड्ढे खोद रखे हैं। पानी का नाम सुनते ही शिष्य खुशी से मुस्कुराया और उन गड्ढों में पानी ढूंढने लगा। सभी गड्ढों में ढूंढने के बाद भी पानी नहीं मिला। ऐसे में वह निराश होकर भगवान गौतम बुद्ध से फिर पूछा कि भगवन इसमें तो कहीं पानी ही नहीं है।

Budh Purnima Katha

तब भगवान गौतम बुद्ध कहते हैं कि हे प्रिय जो तुम इस गांव में लोग देख रहे हो वे सभी नदी में पानी लाने के लिए जाते हैं। इस बात पर भिक्षु फिर पूछता है कि भगवन क्या सच में इस गांव के जमीन में पानी नहीं है, तब भगवान कहते हैं कि इस गांव में पानी तो हैं, लेकिन सही जगह ढूंढा नहीं गया हैं। उन्होंने अपने शिष्य को समझाते हुए कहां कि इस गांव के लोगों ने सही जगह परिश्रम नहीं की है। यदि गांव के सभी लोग अलग-अलग गड्ढा न खोदने के बजाए एक ही दिशा में मेहनत करते तो पानी जरूर मिल जाता है।

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कथा का सार

इस कथा से हमें यही शिक्षा मिलती है कि मनुष्य को ठीक जगह और सही दिशा में मेहनत करनी चाहिए। यदि मन को एकाग्र और केंद्रित करके मेहनत करते हैं तो सफलता जरूर मिल जाती है। मनुष्य का असफलता का सबसे बड़ा कारण उसके मन का भटकाव होता है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी पौराणिक कथाओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है

HISTORY

Written By

Raghvendra Tiwari

First published on: May 17, 2024 02:46 PM

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