Ganesh Mantra: हिंदू धर्म में प्रथम पूज्य देवता भगवान श्री गणेश बुद्धि, समृद्धि और विघ्न-विनाशक के रूप में पूजे जाते हैं। छात्र और विद्वान उनकी आराधना करते हैं ताकि उनकी स्मरण शक्ति और एकाग्रता बढ़े। सरस्वती जी की भांति, गणेश जी भी ज्ञान और विवेक के प्रतीक हैं। गणेश जी धन, सुख और समृद्धि के दाता हैं। व्यवसाय, नौकरी और व्यापार में उन्नति के लिए गणपति पूजन अत्यंत लाभकारी होता है। वे माता पार्वती और भगवान शिव के पुत्र हैं और कार्तिकेय के भाई हैं। उनके दो पत्नियां रिद्धि (संपत्ति) और सिद्धि (सफलता) हैं और उनके पुत्र शुभ और लाभ हैं। यह पारिवारिक संरचना हमें संतुलन और पूर्णता की शिक्षा देती है।
कोई भी शुभ कार्य या पूजा गणपति वंदना के बिना अधूरी मानी जाती है। वे भक्तों के संकट हरते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं। इसलिए भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है, यानी वे भक्तों के जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करते हैं। वे रिद्धि-सिद्धि के स्वामी हैं और सभी कार्यों में सफलता दिलाते हैं। यदि कोई कार्य बार-बार असफल हो रहा हो, तो गणपति की आराधना करने से सफलता मिलती है। यहां विघ्नहर्ता श्री गणेश जी के उपोयोगी और प्रभावशाली मंत्र दिए गए है, जिनके जाप से छोटी से बड़ी हर मनोकामना पूरी होती हैं। आइए जानते हैं, अर्थ और उपयोग सहित भगवान गणेश के ये 5 शक्तिशाली मंत्र।
कार्यसिद्धि गणेश मंत्र
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
भगवान गणेश का यह मंत्र जितना लोकप्रिय है, उतना ही अधिक फलदायी और प्रभावकारी भी है। इसका अर्थ है- ‘जिनकी सूंड वक्र यानी की टेढ़ी है, जिनका शरीर विशालकाय है, जिनकी आभा करोड़ों सूर्यों से बढ़कर है। ऐसे भगवान श्री गणेश हमेशा ही मेरे सभी कार्यों को निर्विघ्न और सफलता पूर्वक सम्पन्न होने का आशीष प्रदान करें।’ यह मंत्र भगवान गणेश के उपासकों के लिए विशेष रूप से फलदायी है, और हिंदू धर्म में किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले इसका जाप किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस मंत्र का जाप करने से कार्य में सफलता मिलती है।
गणेश बीज मंत्र
ॐ गं गणपतये नमः
इसका अर्थ है- ‘समस्त गणों के अधिपति श्री गणेश, आपको मेरा नमस्कार हो।’ यहां ‘गं’ गणेश जी का बीज यानी मूल अक्षर है, जो बेहद शक्तिशाली माना गया है। यह भगवान गणेश का प्रमुख मंत्र है, जिसे उनका बीज मंत्र भी कहा जाता है। किसी भी नए कार्य की सफलता हेतु इसकी साधना शुभ मानी जाती है। इस मंत्र का जाप करने से कार्य में बाधाएं नहीं आतीं और वह सफल होता है। साथ ही, इसे आध्यात्मिक उन्नति और योग साधना के लिए भी प्रयोग किया जाता है।
गणेश गायत्री मंत्र
ॐ एकदंताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि।
तन्नो दंती प्रचोदयात्॥
इस मंत्र का अर्थ है- ‘जिनका केवल एक दांत हैं और मुख मनोहर है, जो अपने शरणागत भक्तजनों के रक्षक हैं और समस्त प्राणी जनों की पीड़ा का नाश करने वाले हैं, ऐसे उन शुद्ध स्वरूप भगवान श्री गणपति को हमारा नमस्कार है। इस मंत्र को गणेश गायत्री मंत्र कहा जाता है। मान्यता है कि इस मंत्र के जाप से गणेश गायत्री मंत्र के जाप से मनुष्य को करियर में शीघ्र सफलता मिलती है और हर कार्य सिद्ध होने लगता है।
ऋण मुक्ति गणेश मंत्र
ॐ गणेश ऋणं छिन्धि वरेण्यं हुं नमः फट॥
इस मंत्र का अर्थ है- ‘भगवान गणेश धन के दाता हैं, वे हमारे ऋण को हर लें और हमें ऋण से मुक्त कर दें।’ जिस किसी की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं चल रही हो, वह जरूरत भर का पैसा नहीं कमा पा रहा हो या कर्ज के बोझ दबा हो, उनके लिए यह मंत्र बहुत लाभकारी है।
सिद्धि विनायक मंत्र
ॐ नमो सिद्धि विनायकाय सर्व कार्य कर्त्रे सर्व विघ्न प्रशमनाय।
सर्व राज्य वश्यकरणाय सर्वजन सर्वस्त्री पुरुष आकर्षणाय श्रीं ॐ स्वाहा॥
इस मंत्र का अर्थ है- ‘हे बुद्धि और सुख के स्वामी, केवल आप ही हर कार्य को संभव बनाते हैं। आप सभी बाधाओं को दूर करने वाले हैं और आपने ब्रह्मांड में हर प्राणी को मंत्रमुग्ध कर दिया है, आप सभी महिलाओं और पुरुषों के भगवान हैं, आपको नमस्कार है।’ इस मंत्र के जाप से जीवन की बाधाओं को दूर करने और सुख-समृद्धि पाने के लिए सहायता मिलती है। रोग, शोक, दुख और क्लेश मिट जाते हैं। वे लोग जिनको नौकरी, व्यापार और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में सफलता चाहिए, उनके लिए यह मंत्र बहुत लाभकारी है।
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