सभी धर्मों में ईश्वर की भक्ति का महत्व बताया गया है। इसी प्रकार हिंदू धर्म में भी भगवान की पूजा परमात्मा की कृपा पाने और अपने मन की इच्छा को पूरी करने के लिए एक कुंजी बताई गई है। कुछ लोगों को इस बात की काफी अधिक शिकायत होती है कि वे पूजा तो करते हैं, लेकिन उसका फल उनको नहीं मिलता है। वो इसका कारण समझ नहीं पाते हैं।
मनुस्मृति, अग्नि पुराण, स्कंद पुराण, देवी भागवत पुराण, भगवद गीता और वास्तु शास्त्र में भगवान के पूजन को लेकर कुछ नियम बताए गए हैं। इसमें कहा गया है कि जो भी नियमों से और पूरे मन से ईश्वर की भक्ति करता है, वह सभी भोगों को भोगने के बाद मोक्ष की प्राप्ति करता है। आइए जानते हैं कि वे कौन से नियम हैं, जो हर व्यक्ति को पूजा के समय अपनाने चाहिए।
पूजा के समय न करें ये काम
- पूजा के समय कभी भी अगरबत्ती का प्रयोग नहीं करना चाहिए। अगरबत्ती में बांस होता है और बांस को जलाना अशुभ माना जाता है।
- भगवान को स्नान कराते समय सिर्फ उंगलियों का ही प्रयोग करें। इस दौरान अंगूठे को प्रयोग में न लें।
- पूजा के दौरान धूप, दीप जलाने वाली माचिस की तीली को फूंक मारकर न बुझाएं। ऐसा करने से दुर्भाग्य का आगमन होता है।
- हमेशा पूजा भगवान गणेश से शुरू करें। भगवान को कभी भी तुलसी दल अर्पित न करें।
- दीपक जलाकर जमीन पर न रखें। इसके साथ ही दीपक से दूसरा दीपक या धूपबत्ती न जलाएं। वहीं, एक ही माचिस की तीली से दो चीजें न जलाएं।
- पूजा में इस्तेमाल किए गए फूल अगर सूख गए हैं तो इन्हें कूड़े में न फेंके, बल्कि इनको बहते जल में प्रवाहित कर दें।
- भगवान शालिग्राम को चावल अर्पित नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से पाप लगता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
ये भी पढ़ें- चैती छठ पूजा की हुई शुरुआत, जानिए क्या है इसका महत्व?