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Asht Chiranjeevi: केवल हनुमान जी ही नहीं, हिन्दू पौराणिक कथाओं के ये 7 नायक भी हैं चिरंजीवी

Asht Chiranjeevi: हिन्दू धर्म में अष्ट चिरंजीवी 8 ऐसे व्यक्तियों को कहा जाता है, जो अमर माने गए हैं या बहुत लम्बी आयु तक जीवित रहने वाले हैं। इनमें हनुमान जी के अलावा 7 और भी पौराणिक नायक सम्मिलित हैं। आइए जानते हैं, सभी अष्ट चिरंजीवियों के नाम और उनका परिचय!

Edited By : Shyam Nandan | Updated: Feb 7, 2025 17:08
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Asht Chiranjeevi: हिन्दू पौराणिक कथाएं अद्भुत कहानियों, रोचक प्रसंगों और असाधारण चरित्रों से भरी पड़ी हैं। इन पात्रों में से कुछ ऐसे हैं, जिन्हें अमर माना गया है या वे दीर्घजीवी हैं यानी जिनकी आयु बहुत लंबी है। ऐसे ही 8 असाधारण और दिव्य व्यक्तियों को हिंदू धर्म में चिरंजीवी कहा गया है। इन चिरंजीवियों की कथाएं इनकी तरह ही अमर हैं, जो आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं। आइए जानते हैं, इन पौराणिक नायकों के बारे में, जिन्हें ‘अष्ट चिरंजीवी’ कहा जाता है।

अश्वत्थामा

द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक हैं। उन्हें अमर होने का वरदान कहें या श्राप मिला है। कहते हैं, वे कलयुग के अंत तक पृथ्वी पर भटकते रहेंगे। अश्वत्थामा अपनी वीरता और युद्ध कौशल के लिए जाने जाते हैं।

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महाराजा बलि

महाबली एक धर्मात्मा राजा थे जिन्होंने एक समय तीनों लोकों पर शासन किया था। भगवान विष्णु द्वारा पाताल लोक में भेजे जाने के बाद, वे साल में एक बार अपनी प्रजा से मिलने धरती पर आते हैं। केरल में ओणम का त्योहार उन्हीं के स्वागत में मनाया जाता है।

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वेद व्यास

महर्षि व्यास, जिन्हें वेद व्यास के नाम से भी जाना जाता है, महाभारत के रचयिता के रूप में याद किए जाते हैं। उन्होंने अपने लेखन और शिक्षाओं के माध्यम से ज्ञान और बुद्धिमत्ता को अमर कर दिया है। 18 पुराणों की रचना भी उन्होंने ने ही की है।

हनुमान जी

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भगवान राम के परम भक्त श्री हनुमान जीअपनी शक्ति, साहस और अटूट भक्ति के लिए प्रसिद्ध हैं। वे भी अमर माने जाते हैं, वे आज भी वफादारी और भक्ति के प्रतीक के रूप में पूजे जाते हैं।

विभीषण

विभीषण लंकापति रावण के छोटे भाई थे। रामायण में, उन्होंने भगवान राम के प्रति अपनी धार्मिकता और भक्ति के कारण उनसे अमरता का वरदान प्राप्त किया। कहते हैं, विभीषण आज भी धरती पर जीवित हैं।

परशुराम

योद्धा ऋषि परशुराम को हिन्दू पौराणिक कथाओं के सात चिरंजीवियों में से एक माना जाता है। वे अपने भीषण युद्ध कौशल के लिए जाने जाते हैं और माना जाता है कि वे आज भी अपनी कुल्हाड़ी के साथ पृथ्वी पर घूमते हैं। भगवान परशुराम विष्णु जी के छठे अवतार हैं।

कृपाचार्य

कृपाचार्य महाभारत में एक राजसी ऋषि और सम्मानित शिक्षक थे। अपनी वफादारी और बुद्धिमत्ता के लिए जाने जाने वाले कृपाचार्य को अमरता का वरदान मिला था। वे अपने ज्ञान और शिक्षाओं के लिए आज भी पूजनीय हैं।

मार्कण्डेय

मार्कण्डेय प्राचीन हिंदू ग्रंथों में वर्णित एक ऋषि हैं और भगवान शिव के प्रति अपनी भक्ति के लिए पूजनीय हैं। कहा जाता है कि उन्होंने अपनी दृढ़ भक्ति और तपस्या के माध्यम से भगवान शिव की कृपया से मृत्यु पर विजय प्राप्त की, इस प्रकार अमर हो गए। इनके नाम से वेद व्यास ने भगवान शिव को समर्पित मार्कण्डेय पुराण की रचना की थी।

ये आठ चिरंजीवी हिन्दू धर्म में अमरता और दीर्घायु के प्रतीक हैं। इनकी कहानियाँ हमें धर्म, न्याय, भक्ति और साहस का महत्व सिखाती हैं।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Shyam Nandan

First published on: Feb 07, 2025 05:08 PM

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