Halharini Amavasya: आज 25 जून, 2025 को आषाढ़ मास की अमावस्या तिथि है। आषाढ़ अमावस्या पितरों को समर्पित है। इस दिन, लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध जैसे अनुष्ठान करते हैं। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान-पुण्य और वृक्षारोपण करना भी शुभ माना जाता है। माना जाता है कि आज के दिन भगवान शिव, भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। आइए जानते हैं, यह दिन किसानों और पितरों के लिए क्यों खास है और आज के दिन किन 5 गलतियों से बचना चाहिए।
हलहारिणी अमावस्या भी कहते हैं इसे
आषाढ़ माह की अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। नाम से ही जाहिर होता है कि यह किसानों और ग्रामीण संस्कृति को समर्पित दिन है। प्रचलित रिवाज और परंपरा के मुताबिक, इस दिन किसान अपने हल और कृषि उपकरणों की पूजा करते हैं। अपने खेत, बीज और अन्य संसाधनों को संयोजित करते हैं ताकि खरीफ की फसल अच्छी हो सके। इसके साथ ही, इस दिन वृक्षारोपण का भी विशेष महत्व है।
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आषाढ़ अमावस्या पर न करें ये गलतियां
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन कुछ कामों से बचना जरूरी होता है, ताकि जीवन में किसी प्रकार की बाधाएं न आएं। आइए जानें, इस दिन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- इस दिन किसी भी शुभ कार्य, नया व्यवसाय, घर में प्रवेश, विवाह या अन्य नए काम की शुरुआत न करें। अमावस्या का दिन शुभारंभ के लिए उचित नहीं माना जाता।
- इस दिन बाल या नाखून कटवाना अशुभ माना गया है। यह कार्य नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकता है।
- इस दिन पिंडदान और तर्पण अवश्य करें। पूर्वजों की अनदेखी या अपमान से पितृ दोष उत्पन्न हो सकता है।
- अमावस्या के दिन मांसाहारी भोजन, शराब, और प्याज-लहसून जैसे तामसिक पदार्थों का सेवन पाप तुल्य माना गया है। इस दिन सात्विक आहार का पालन करें।
- अमावस्या के दिन काले रंग का प्रयोग अशुभ माना जाता है। कोशिश करें कि हल्के और शुद्ध रंगों के वस्त्र पहनें।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।