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आषाढ़ माह का अंतिम प्रदोष कब, जानें इस दिन कैसे करें भोलेनाथ को प्रसन्न?

Ashadh Pradosh Vrat 2025 : आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाएगा। साल 2025 में यह व्रत 8 जुलाई यानि मंगलवार के दिन रखा जाएगा। इस कारण इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाएगा। आइए जानते हैं कि इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए क्या करें?

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Mohit Tiwari Updated: Jul 6, 2025 23:06
Ashadh Pradosh Vrat
credit- pexels

Ashadh Pradosh Vrat 2025 : हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा पाने का एक खास अवसर माना जाता है। यह व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। आषाढ़ माह का अंतिम प्रदोष व्रत 8 जुलाई 2025 को रखा जाएगा, जो मंगलवार को पड़ रहा है। इस वजह से इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाएगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा और उपवास करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। आइए जानते हैं कि इस दिन भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए क्या-क्या करना चाहिए।

क्या है पूजन मुहूर्त?

हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 7 जुलाई 2025 को रात 11:10 बजे शुरू होगी और 8 जुलाई 2025 को रात 8:43 बजे तक रहेगी। प्रदोष व्रत सूर्यास्त के बाद के समय, यानी प्रदोष काल में किया जाता है, इसलिए यह व्रत 8 जुलाई 2025 को मनाया जाएगा। प्रदोष काल का समय लगभग शाम 6:30 बजे से 8:30 बजे तक रहेगा। इस दौरान भगवान शिव की पूजा करना विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। इस समय में की गई पूजा से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।

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भौम प्रदोष व्रत का महत्व

मंगलवार को पड़ने वाला प्रदोष व्रत भौम प्रदोष कहलाता है और इसे बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान शिव के साथ-साथ मंगल देव की भी पूजा की जाती है। मंगल ग्रह साहस, ऊर्जा और आत्मविश्वास का प्रतीक है, इसलिए इस व्रत से भक्तों को न केवल आध्यात्मिक शक्ति मिलती है, बल्कि ग्रह दोषों से भी मुक्ति मिलती है। मान्यता है कि भौम प्रदोष व्रत करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं, रोगों से राहत मिलती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो मंगल दोष से प्रभावित हैं या जीवन में बाधाओं का सामना कर रहे हैं।

भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए करें ये कार्य

प्रदोष काल में शिवलिंग का अभिषेक करना सबसे महत्वपूर्ण और शुभ माना जाता है। यह पूजा भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे प्रभावी तरीका है। अभिषेक के लिए आप गंगाजल का उपयोग कर सकते हैं, जो भोलेनाथ को बहुत प्रिय है और मन को शांति देता है। वहीं, कच्चे दूध और दही से अभिषेक करने से जीवन में सुख और समृद्धि आती है। प्रभु को शहद अर्पित करने से रिश्तों में मधुरता और सकारात्मकता बढ़ती है। इसके साथ ही भगवान शिव को तीन पत्तियों वाले बेलपत्र ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र के साथ चढ़ाएं, क्योंकि ये भगवान शिव को विशेष रूप से प्रिय हैं। अगर चार या पांच पत्ती वाला बेलपत्र मिले तो काफी अच्छा माना जाता है। इसके साथ कनेर, कमल या गेंदे के फूल भी भगवान शिव को अर्पित करें।

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इन मंत्रों का करें जाप

मंत्र जाप से भगवान शिव की कृपा जल्दी प्राप्त होती है और मन को शांति मिलती है। प्रदोष व्रत के दौरान ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें, क्योंकि यह पंचाक्षर मंत्र भोलेनाथ को प्रसन्न करने का सबसे आसान और प्रभावी तरीका है। इसके साथ ही महामृत्युंजय मंत्र ‘ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिम् पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्’ का जाप स्वास्थ्य, लंबी आयु और रोगों से मुक्ति के लिए करें। रुद्र गायत्री मंत्र ‘ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्’ का जाप आध्यात्मिक शक्ति और मानसिक शांति के लिए बहुत फलदायी माना जाता है।

इस प्रकार से करें व्रत

प्रदोष व्रत को पूरी श्रद्धा और नियमों के साथ रखने से इसका फल कई गुना बढ़ जाता है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। व्रत के दिन सात्विक भोजन करें, जैसे फल, साबूदाना, कुट्टू का आटा, दूध या नारियल पानी ही लें। प्याज, लहसुन और मांसाहारी भोजन से पूरी तरह बचें। पूजा में तुलसी, हल्दी या केतकी के फूल का इस्तेमाल न करें, क्योंकि ये भगवान शिव को नहीं चढ़ाए जाते हैं। इन नियमों का पालन करने से व्रत का पूरा लाभ मिलता है और भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है।

करें दान पुण्य

आषाढ़ माह में दान का विशेष महत्व है और प्रदोष व्रत के दिन दान करने से पुण्य मिलता है। इस दिन जरूरतमंदों को अन्न, सत्तू या जल का दान करें, क्योंकि यह भोलेनाथ को प्रसन्न करता है। किसी शिव मंदिर में दीपक, तेल या अगरबत्ती का दान करें, यह आध्यात्मिक उन्नति में मदद करता है। जरूरतमंद लोगों की मदद करें, जैसे कपड़े या भोजन देकर उनकी सेवा करें।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्रों पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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First published on: Jul 06, 2025 09:01 PM

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