Laddu Gopal Radha Rani Puja Niyam: सनातन धर्म के लोगों की राधा-कृष्ण जी की पूजा से खास आस्था जुड़ी है। माना जाता है कि जो लोग नियमित रूप से राधा-कृष्ण जी की पूजा करते हैं, उनके जीवन में सदा प्यार बरकरार रहता है और रिश्तों में गहराई आती है। हालांकि कुछ लोग राधा-कृष्ण के बाल स्वरूप की मूर्तियों की पूजा करते हैं और हर समय उन्हें अपने साथ रखते हैं। वो राधा-कृष्ण की सेवा एक छोटे बच्चे की तरह करते हैं, जिन्हें स्नान करवाने के साथ-साथ तरह-तरह के वस्त्र पहनाते और भोग लगाते हैं।
कभी न कभी आपने भी मेट्रो, शॉपिंग मॉल या रेस्टोरेंट आदि जगहों पर लोगों को राधा-कृष्ण के बाल रूप को अपने साथ लेकर घूमते हुए देखा होगा। लेकिन क्या ऐसा करना सही है? हर समय लड्डू गोपाल और लाडली को साथ रखने से पाप नहीं लगता है? चलिए इन्हीं सभी सवालों के जवाब आचार्य पुंडरीक गोस्वामी जी से जानते हैं।
क्या देवी-देवताओं को लेकर घूमना सही?
सोशल मीडिया पर इस समय आचार्य पुंडरीक गोस्वामी जी का जो वीडियो वायरल हो रहा है। उसमें वो बता रहे हैं कि यदि आप दो से तीन दिन के लिए कहीं बाहर जा रहे हो, तो ऐसे में भगवान को अपने साथ लेकर जाना चाहिए या नहीं? गोस्वामी जी का कहना है कि, ‘राधा-कृष्ण जी के बाल रूप की मूर्तियों व प्रतिमा को हर समय अपने साथ लेकर नहीं घूमना चाहिए। यदि आप कहीं बाहर जा रहे हो, तो ऐसी परिस्थिति में अपने घर के मंदिर में भगवान को विराजमान करें। उनका एक चित्र लें और उसे सफर के दौरान अपने साथ रखें। ध्यान लगाकर चित्र पर भोग चढ़ाएं।’
इसी के आगे उन्होंने कहा, ‘हम असमर्थ हैं, भगवान तो समर्थ हैं। यदि आपकी भावना सच्ची है, तो वो आपके भोग को स्वीकार कर लेंगे। इस तरह से यदि आप देवी-देवताओं की सेवा करते हैं, तो आपको उनका विशेष आशीर्वाद जरूर प्राप्त होगा।’
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श्री पुंडरीक गोस्वामी जी कौन हैं?
आचार्य पुंडरीक गोस्वामी जी एक कथावाचक हैं, जिन्होंने अपना जीवन श्री चैतन्य महाप्रभु के संदेश को युवाओं तक पहुंचाने के लिए समर्पित किया है। गोस्वामी जी श्रीमद्भागवतम्, भगवद गीता, चैतन्य चरितामृत और राम कथा पर प्रवचन देते हैं। अपने प्रवचन के माध्यम से वो लोगों को कृष्ण भक्ति और प्रेम का संदेश देते हैं। साथ ही सनातन धर्म से जुड़ी अहम बातों के प्रति लोगों को जागरूक करते हैं।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।