क्या आप जानते हैं कि पाकिस्तान में कुछ बेहद पुराने और ऐतिहासिक हिंदू मंदिर भी मौजूद हैं? इन मंदिरों की खासियत और उनका धार्मिक महत्व ऐसा है कि सुनकर आप भी चौंक जाएंगे। पाकिस्तान, जो एक मुस्लिम बहुल देश है, वहां भी हिंदू धर्म से जुड़े ऐसे मंदिर हैं, जिनकी खूबसूरती और कहानी अद्भुत है। इनमें से कई मंदिर सदियों पुराने हैं और उनका इतिहास कई राज छुपाए हुए है। आइए जानते हैं, पाकिस्तान के 7 सबसे फेमस हिंदू मंदिरों के बारे में, जिनके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे।
हिंगलाज माता मंदिर
यह मंदिर बलूचिस्तान की मकरान पहाड़ियों में स्थित है और 52 शक्तिपीठों में से एक है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यहां माता सती का सिर गिरा था। यह हिंदू धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है, यहां दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
पंचमुखी हनुमान मंदिर
कराची के सोल्जर बाजार में स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर लगभग 1500 साल पुराना है। इसकी विशेषता यह है कि यहां हनुमानजी की प्राकृतिक मूर्ति स्थापित है, जो दुनिया भर में अनोखी मानी जाती है। भक्त यहां विशेष आस्था से आते हैं।
कटासराज मंदिर
यह मंदिर पंजाब प्रांत में स्थित है और भगवान शिव को समर्पित है। कहा जाता है कि इसका निर्माण भगवान शिव के आंसुओं से हुआ था। यहां का सुंदर प्राकृतिक वातावरण और ऐतिहासिक महत्व इसे श्रद्धालुओं के लिए खास बनाता है।
उमरकोट शिव मंदिर
यह सिंध प्रांत के उमरकोट जिले में स्थित है और इसे अमरकोट शिव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह सिंध के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है और यहां हर साल महाशिवरात्रि पर भव्य आयोजन होता है।
स्वामी नारायण मंदिर
कराची में स्थित यह मंदिर पाकिस्तान के सबसे बड़े हिंदू मंदिरों में से एक है। यह लगभग 160 साल पुराना है और यहां हिंदू-मुस्लिम दोनों समुदायों के लोग आते हैं। मंदिर का खूबसूरत आर्किटेक्चर और धार्मिक महत्व इसे विशेष बनाता है।
वरुण देव मंदिर
कराची के मनोरा द्वीप पर स्थित यह मंदिर समुद्र देवता वरुण को समर्पित है। यह मंदिर 100 साल से ज्यादा पुराना है और समुद्र के करीब होने के कारण इसकी पूजा में विशेष रूप से समुद्र के प्रति श्रद्धा दिखाई जाती है।
राम मंदिर
सिंध के इस्लामकोट में स्थित यह मंदिर पाकिस्तान का सबसे बड़ा राम मंदिर है और करीब 200 साल पुराना है। यहां के हिंदू लोग नियमित रूप से पूजा करने आते हैं और यह मंदिर उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान का महत्वपूर्ण हिस्सा है।