Unique Festivals: मकर संक्रांति भारत का एक खास त्योहार है, जो सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर मनाया जाता है। यह त्योहार ठंड के खत्म होने और गर्मी के मौसम की शुरुआत का संकेत देता है। इसे नई ऊर्जा और खुशियों का पर्व माना जाता है। मकर संक्रांति पूरे भारत में अलग-अलग नामों और परंपराओं के साथ मनाई जाती है। कहीं तिल-गुड़ बांटने की परंपरा है, तो कहीं पतंग उड़ाने का उत्सव। यह त्योहार कृषि, फसल और प्रकृति का आभार प्रकट करने का समय है। आइए जानते हैं भारत के 13 विशेष त्योहार, जो मकर संक्रांति के दौरान मनाए जाते हैं।
तमिलनाडु का पोंगल
पोंगल तमिलनाडु का एक महत्वपूर्ण चार दिन का उत्सव है। इस उत्सव के चार मुख्य भाग होते हैं: थाई पोंगल, मट्टू पोंगल, काणुम पोंगल और भोई पोंगल। इस दौरान लोग सूर्य देवता का आभार व्यक्त करने के लिए पोंगल (चावल और दाल की डिश) बनाते हैं। पोंगल का मतलब है ‘उबालना’ और यह वर्षा ऋतु के आगमन का प्रतीक है।
उत्तरायण (गुजरात और राजस्थान)
उत्तरायण खासकर गुजरात और राजस्थान में मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य के उत्तरायण होने का प्रतीक है, जब सूर्य उत्तर दिशा में मकर राशि में प्रवेश करता है। इस दिन लोग पतंग उड़ाते हैं और घर-घर उत्सव मनाते हैं। यह दिन नए मौसम के स्वागत का प्रतीक होता है।
माघ बिहू (असम)
माघ बिहू जिसे भोवाली बिहू भी कहते हैं, असम का प्रमुख उत्सव है। यह एक सामूहिक उत्सव होता है, जिसमें लोग साथ में भोजन करते हैं, अग्निकुंड जलाते हैं और पारंपरिक खेलों का आनंद लेते हैं। यह त्योहार सर्दी के मौसम की समाप्ति का प्रतीक होता है।
लोहड़ी (पंजाब और हरियाणा)
लोहड़ी मकर संक्रांति के एक दिन पहले मनाई जाती है और यह सर्दी के मौसम के खत्म होने का प्रतीक है। लोहड़ी की रात को लोग तिल, गुड़, मूंगफली और लकड़ी डालकर आग जलाते हैं और उसके चारों ओर नृत्य करते हैं। यह त्यौहार खासतौर पर पंजाब और हरियाणा में मनाया जाता है।
सुग्गी हब्बा (कर्नाटक)
कर्नाटका में सुग्गी हब्बा सूर्य देवता को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। इस दिन लोग एल्लू-बेला (नारीयल, गुड़ और तिल का मिश्रण) तैयार करते हैं और एक-दूसरे को उपहार देते हैं। यह त्यौहार किसानों के लिए खास है, क्योंकि यह फसल के अच्छे होने का प्रतीक है।
पौष संक्रांति
पश्चिम बंगाल में पौष संक्रांति को ‘पिथे पर्व’ के नाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग नारियल से बने पकवान बनाते हैं और उनका आनंद लेते हैं। यह त्यौहार खासकर बंगाल के लोगों द्वारा मनाया जाता है।
माहरा चौला (ओडिशा)
ओडिशा में मकर संक्रांति के दिन लोग सूर्य देवता को नये फसल, फल और मिठाई अर्पित करते हैं। इस दिन ‘मकर चौला’ (नये अनाज की डिश) बनाई जाती है, जो इस त्यौहार की विशेषता होती है।
संक्रांत शिशु (कश्मीर)
कश्मीर में इस दिन कश्मीरी पंडित समुदाय पारंपरिक पूजा और पकवानों के साथ मकर संक्रांति मनाते हैं। यह दिन खासकर सूर्य देवता की पूजा करने और पारंपरिक रीति-रिवाजों को निभाने का होता है।
माघी (पंजाब)
माघी, लोहड़ी के अगले दिन मनाई जाती है। इस दिन लोग पारंपरिक भोजन तैयार करते हैं और नदी में स्नान करने जाते हैं। यह दिन खासकर पंजाब में मनाया जाता है और इसे एक धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
तिल संक्रांति (मिथिला क्षेत्र)
यह त्योहार बिहार और झारखंड के मिथिला क्षेत्र में मनाया जाता है। इस दिन लोग तिलकुट (तिल और गुड़ का मिश्रण) खाते हैं और पवित्र स्नान करते हैं। यह दिन खासकर तिल और गुड़ के महत्व को दर्शाता है।