SP chief Akhilesh Yadav PDA formula failed: चारों राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे कल 3 दिसम्बर को सामने आ चुके हैं, हम इस दौरान मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की बात कर रह हैं। राज्य में भाजपा को 163 तो कांग्रेस को 66 सीटें मिलीं। कांग्रेस की तीन राज्यों में हार के बाद जहां इंडिया गठबंधन में बयानबाजी तेज हो गई है, वहीं समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के ‘पीडीए फॉर्मूले’ की चर्चा भी तेज हो गई। दरसअल, अखिलेश इस फॉर्मूले के आधार पर ‘मिशन 2024’ की तैयारी कर रहे थे, लेकिन वह मध्य प्रदेश चुनाव में अपने नेताओं की जमानत भी नहीं बचा पाए।
क्या है अखिलेश यादव का PDA फॉर्मूला?
इंडिया गठबंधन में शामिल होने के साथ, अखिलेश यादव ने एनडीए को चुनौती देने के लिए PDA फॉर्मूला पेश किया था, जिसे उन्होंने P-पिछड़े (पिछड़े वर्ग), D-दलित और A-अल्पसंख्यक के रूप में परिभाषित किया।
---विज्ञापन---Despite using all its might and resources, deploying Hindutva as well as caste calculations, the BJP has lost in Ghosi.
Akhilesh Yadav's new formula: Team INDIA hai, aur PDA (Pichda Dalit Alpsankhyak) rajneeti.
I report.https://t.co/7Xhr6JqcKY
— Omar Rashid (@omar7rashid) September 8, 2023
एक बार बिहार में विपक्षी एकता पर जोर देते हुए अखिलेश ने वही दोहराया, जो अन्य क्षेत्रीय दल मांग कर रहे थे , उन्होंने कहा जो दल किसी विशेष राज्य में मजबूत हैं, उन्हें लोकसभा 2024 चुनावों के लिए उस राज्य में विपक्षी गठबंधन का दिल होना चाहिए।
फेल हुआ PDA फॉर्मूला
मध्य प्रदेश चुनाव 2023 की बात करें तो कमलनाथ के साथ खटास आने के बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने राज्य में 46 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन किसी भी सीट पर प्रत्याशी को जीत नहीं मिली। जीत मिलना तो दूर, सभी प्रत्याशी अपनी जमानत भी गंवा बैठे। बुधनी सीट की बात करें तो यहां से महामंडलेश्वर स्वामी को सपा ने टिकट दिया था, लेकिन उनको महज 136 वोट ही मिले। अखिलेश यादव ने पहली बार पीडीए फॉर्मूले को यूपी के कोसी उपचुनाव में अपनाया था, जिसमें उन्हें जीत मिली। इसी आधार पर वह मिशन 2024 की तैयारी कर रहे थे, हालांकि उनका यह प्लान फ्लॉप रहा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव के लिए क्या प्लान लेकर आते हैं।