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Maha Kumbh 2025: आस्था, परंपरा और संगम की 10 अद्भुत तस्वीरें

Edited By : Ashutosh Ojha | Updated: Jan 13, 2025 20:02
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Maha Kumbh 2025: महाकुंभ मेला 2025 13 जनवरी से 25 फरवरी तक उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चलेगा। यह विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदी के संगम पर पवित्र स्नान के लिए आते हैं। यह मेला हर 12 साल में एक बार होता है और धार्मिक आस्था, परंपरा और भाईचारे का प्रतीक है। साधु-संतों की उपस्थिति और उनकी अद्वितीय परंपराएं इस आयोजन को और भी भव्य बनाती हैं। आइए देखते हैं...

महाकुंभ मेला 2025, 13 जनवरी से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में प्रारंभ हो गया है। यह एक विशाल धार्मिक आयोजन है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु शामिल होंगे और यह 25 फरवरी तक चलेगा।

यह मेला गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम स्थल पर आयोजित होता है। यहां स्नान करना मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है। संगम को आत्मा की शुद्धि और ईश्वर के करीब पहुंचने का सर्वोच्च माध्यम माना जाता है।

महाकुंभ मेला हर 12 साल में एक बार होता है। इस मेले में साधु, संत और नागा साधु शामिल होते हैं, जो इसे और भी भव्य बनाते हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, महाकुंभ मेला 2025 में लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। यह आयोजन केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक एकता का प्रतीक है।

महाकुंभ में साधु-संतों और नागा साधुओं की उपस्थिति इस मेले को भव्यता प्रदान करती है।

महाकुंभ मेला न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह आपसी भाईचारे और एकता का संदेश भी देता है। यहां आकर श्रद्धालु आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करते हैं और मानसिक शांति का अनुभव करते हैं।

महाकुंभ मेला 2025 आस्था, विश्वास और भक्ति का अनुपम संगम है। यह आयोजन हमें भारतीय संस्कृति और परंपराओं की गहराई से जोड़ता है।

"छावनी प्रवेश" परंपरा के तहत साधु ऊंट, घोड़े और हाथी पर सवार होकर मेले में प्रवेश करते हैं, जो भक्ति और परंपरा का अनुपम दृश्य प्रस्तुत करता है।

महाकुंभ में साधु अपनी खास कला और कौशल से श्रद्धालुओं का ध्यान आकर्षित करते हैं। तलवारबाजी, लाठी कला और अन्य रोमांचक प्रदर्शन यहां के मुख्य आकर्षण होते हैं।

अगर आप भी आध्यात्मिकता और भक्ति के इस महाकुंभ का अनुभव करना चाहते हैं, तो प्रयागराज आइए और संगम पर स्नान कर अपने जीवन को नई ऊर्जा और शांति प्रदान करें।

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Edited By

Ashutosh Ojha

First published on: Jan 13, 2025 08:02 PM

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