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डेंगू के कहर के बीच बंगाल में तृणमूल बनाम भाजपा ‘मच्छरदानी’

अमर देव पासवान पश्चिम बंगाल में डेंगू ने कुछ इस कदर कहर बरपाया है कि राज्य के विभिन्न जिलों में स्थित सरकारी और गैर सरकारी अस्पताल डेंगू पीड़ित मरीजों से भरे पड़े हैं। अस्पताल सूत्रों की अगर मानें तो अस्पताल में इलाजरत अधिकतर मरीजों की प्लेटलेट्स में काफी गिरावट होने के कारण उनकी स्थिति काफी […]

Edited By : Balraj Singh | Updated: Sep 28, 2023 19:05
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अमर देव पासवान

पश्चिम बंगाल में डेंगू ने कुछ इस कदर कहर बरपाया है कि राज्य के विभिन्न जिलों में स्थित सरकारी और गैर सरकारी अस्पताल डेंगू पीड़ित मरीजों से भरे पड़े हैं। अस्पताल सूत्रों की अगर मानें तो अस्पताल में इलाजरत अधिकतर मरीजों की प्लेटलेट्स में काफी गिरावट होने के कारण उनकी स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है, ऐसे में उन मरीजों की प्लेटलेट्स दोबारा बढ़ाने और उन्हें पहले की तरह स्वस्थ करने के लिए चिकित्सक अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। बावजूद उसके राज्य में डेंगू पीड़ित मरीजों की संख्या 38 हजार एक सौ 81 हो चुकी हैं, वहीं बताया जा रहा है कि डेंगू के चपेट में आने से राजधानी कोलकाता में सिर्फ 12 लोगों की मौत हुई है, जबकि वहां के आंकड़ों की अगर हम बात करें तो जादवपुर, टॉलीगंज, बाघा जतिन से सबसे ज्यादा डेंगू के मामले सामने आए हैं और वहां की मरीजों की कुल संख्या चार हजार हो चुकी है।

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इसी के साथ कोलकाता नगर निगम विक्रमगढ़ झील सहित कई अन्य जगहों पर ड्रोन की मदद से कीटनाशक का छिड़काव कर रही है, इसके अलावा तमाम गलियों चौक चौराहों और नालियों पर भी लगातार कीटनाशक का नियमित रूप से छिड़काव जारी है। डेंगू के शिकार तमाम मरीजों की प्लेटलेट्स काफी कम हो गई थी, जिस कारण उन्होंने अपनी जान गंवा दी। हालांकि सरकारी आंकड़ों मे डेंगू से मरने वालों की संख्या अब तक अपडेट नहीं की गई है। इस कारण मरने वालों की पुरानी संख्या मात्र तीन ही बताई जा रही है।

पिछले साल 67,271 को हुआ डेंगू, 30 की हुई थी मौत

हम बताते चलें कि बंगाल में पिछले साल डेंगू के मामले 67,271 थे और करीब 30 लोगों की मौत हुई थी। ऐसे में जिस तरह डेंगू मरीजों की संख्या पश्चिम बंगाल मे दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, उसको देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर समय पर हालात में सुधार नहीं हुआ तो बंगाल का वर्तमान डेंगू का आंकड़ा पिछले साल के आंकड़े को पार न कर जाए। इसे देखते हुए कोलकाता सहित राज्य के तमाम नगर निगम के कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। साथ ही नगर निगम के अंतर्गत आने वाले तमाम स्वास्थ्य केंद्रों को सातों दिन खुले रखने का निर्देश भी जारी कर दिया गया है। इसके अलावा निगम कर्मचारियों को उनके अंतर्गत आने वाले वार्डों की लगातार जांच करने की नसीहत भी दे दी गई है, वहीं मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने राज्य में डेंगू के तेजी से बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए जरूरतमंदों और झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों के बीच मेडिकटेड मच्छरदानी वितरण करने की घोषणा की थी, जिसके तहत पूरे राज्य में अब तक पांच लाख मेडिकटेड मच्छरदानी बांटी जा चुकी हैं और अब भी लगातार यह प्रक्रिया जारी है।

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इस तरह हो रही राजनीति

आसनसोल नगर निगम के मेयर साह तृणमूल विधायक विधान उपाध्याय ने निगम के विभिन्न वार्डों में करीब 1900 मेडिकटेड मच्छरदानी वितरित करवाई। इसके जवाब में भाजपा ने भी आसनसोल नगर निगम के विभिन्न वार्डों में मच्छरदानी वितरण का कार्यक्रम शुरू कर दिया है।

पश्चिम बर्दवान भाजपा जिलाध्यक्ष बप्पा चटर्जी ने राज्य सरकार पर डेंगू को लेकर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार डेंगू को लेकर लापरवाही बरत रही है। जगह-जगह कूड़े का अम्बार है, जिलों की अस्पतालों की सफाई व्यवस्था बद से बदतर बनी हुई है। डेंगू को लेकर स्वास्थ्य व्यवस्था भी पूरी तरह चरमराई हुई है, राज्य में गऊ और कोयले की अवैध तस्करी में लूट मचा है, राज्य की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल सरकार लास पर राजनीति कर रही है। ऐसे में मच्छरदानी बांटकर और डेंगू से मरे मरीजों के सही आंकड़े नहीं बताकर जनता को भटकाने का काम कर रही है।

उन्होंने कहा की अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्था ठीक नहीं होने के कारण उनकी अपनी मां की मृत्यु डेंगू से हुई है, वहीं कोलकाता के मेयर सह तृणमूल नेता फिरहाद हकीम ने यह दावा किया कि राज्य में अन्य जिलों की तुलना में डेंगू का प्रकोप काफी कम है। बहुत जल्द डेंगू के बढ़ते मामलों पर कंट्रोल कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा डेंगू के रोकथाम के लिए राज्य स्तर पर कार्य चल रहे हैं। उन्होंने कहा कोलकाता का वातावरण काफी उमस भरा है मलेरिया डेंगू जैसी बीमारी 100 साल पहले भी थी आज भी हैं और कल भी रहेगी।

 

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Edited By

Balraj Singh

First published on: Sep 28, 2023 06:49 PM
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