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Opinion

Red Ant Chutney: लाल चीटियों की चटनी! सुनकर अमिताभ बच्चन भी चकराए

Red Ant Chutney: आपने कई प्रकार की चटनियां खाई होंगी, जिसमें हरी, लाल से लेकर नारियल की सफेद चटनी भी शामिल है। मगर क्या आपने कभी चीटियों की चटनी के बारे में सुना है? जी हां, नाम सुनते ही आप भी अचंभे में आ गए होंगे कि ऐसी भी कोई चटनी होती है। मगर यह सच है, ओडिशा के सिमलिपाल में लाल चीटियों की चटनी खाई जाती है और यह चटनी वहां के प्रमुख व्यंजनों में से एक है।

Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Feb 23, 2025 11:09
Red Ant Chutney
Red Ant Chutney

पूजा मक्कड़

Red Ant Chutney:  धनिया पुदीने की चटनी, टमाटर की चटनी या इमली की चटनी- यह तो आप सबने देखी, सुनी और खाई भी होगी लेकिन क्या आपने कभी चीटियों की चटनी के बारे में सुना है? भला, ऐसी भी कोई चटनी हो सकती है? शायद इस बात को सुनकर आपका भी सिर चकरा जाए। बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन भी यह जानकर हैरान हो गए कि चीटियों की चटनी बनाई जा सकती है। दरअसल, शुक्रवार यानी 21 फरवरी को सोनी टीवी के “कौन बनेगा करोड़पति” शो के दौरान होस्ट अमिताभ बच्चन ने कंटेस्टेंट से एक सवाल पूछा था- ओडिशा की सिमलिपाल की चटनी, जिसे ओडिशा से GI टैग भी हासिल है, किस चीज से बनाई जाती है? जवाब था- लाल चीटियां। अमिताभ बच्चन जवाब सुनकर हैरान थे। कंटेस्टेंट तो सवाल का जवाब देकर जीत गए लेकिन बहुत लोग हैरान हो गए कि क्या चीटियों की चटनी भी खाई जा सकती है। चलिए, आज आपको बताते हैं इस चटनी के बारे में। आप भी जानकर हैरान हो जाएंगे अगर हम आपको यह बताएं कि चीटियों की यह चटनी दिल्ली में भी मिल सकती है।

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कहां से आई लाल चीटियों की चटनी?

दरअसल, लाल चीटियों से बनाई जाने वाली चटनी ओडिशा और छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाकों में खाई जाती है। ओडिशा के मयूरभंज जिले की इस चटनी का GI टैग मिला हुआ है। छत्तीसगढ़ के बस्तर के आसपास के जंगली और आदिवासी इलाकों में भी ये चटनी खूब खाई जाती है। ओडिशा में जिसे सिमलिपाल काई चटनी कहा जाता है उसे छत्तीसगढ़ में चापड़ा चटनी कहा जाता है। चटनी बनाने के लिए लाल चीटियां आपको वहां बाजार में आसानी से मिल जाती है। इन इलाकों के जंगलों में आम और जामुन के पेड़ के पत्तों पर लाल चीटियां अपना घोंसला बनाती हैं। वहां से ये चीटियां लाई जाती है।

क्यों खाई जाती है यह चटनी?

इस काई चटनी को लेकर ग्रामीणों का यह मानना है कि इस चटनी को खाने से बुखार नहीं होता है, मलेरिया ठीक हो जाता है और कई तरह के इंफेक्शन नहीं होते हैं। हालांकि, इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में इन दोनों आदि महोत्सव चल रहा है जो 24 फरवरी तक चलेगा। इस महोत्सव में देश भर के दूर दराज के गांव के आदिवासी लोग अपने इलाके के लोकल प्रोडक्ट्स को लेकर पहुंचते हैं। 2023 में इसी आदि महोत्सव के दौरान हमने भी इस चटनी को चखकर देखा। इस चटनी को सिलबट्टे पर पीसकर नमक-मिर्च के साथ बनाया जाता है।

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क्या काटती नहीं है चींटी?

अमिताभ बच्चन ने केबीसी में जब यह सवाल पूछा, तो इस सवाल का सामना भारत के 72वें ग्रैंड मास्टर मित्रभा गुहा कर रहे थे, जो कंटेस्टेंट के तौर पर केबीसी में शामिल थे। उनके सही जवाब देने के बाद अमिताभ बच्चन ने उनसे यह भी पूछा कि अगर चींटी की चटनी खाने पर मुंह के अंदर जाने पर चींटी ने काट लिया तो? डरिए मत- चटनी को खाने पर चीटियां आपको काट नहीं पाएंगी। जाहिर है यह चीटियां पहले से मरी हुई होती है। हालांकि, अगर आप शाकाहारी हैं तो चटनी तो छोड़िए हो सकता है यह ख्याल भी आपके गले नहीं उतरे की चीटियों से चटनी बनाई भी जा सकती है और उसे असल में खाया भी जा सकता है। हालांकि, हमने शाकाहारी होने के बावजूद चटनी को चखकर जरूर देखा। यह खाने में चटपटी और थोड़ी तीखी होती है। अगर आप इस चटनी को चखने की हिम्मत जुटा चुके हैं, तो दिल्ली में मौजूद “ट्राइब्स इंडिया” के आउटलेट पर आपको यह चटनी बनाने के लिए चीटियां जरूर मिल जाएंगी। यह आउटलेट आदिवासी मंत्रालय के जरिए चलाया जाता है।

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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

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Edited By

Namrata Mohanty

First published on: Feb 23, 2025 09:20 AM

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