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Opinion

मुद्रा योजना से कितनी और कितने भारतीयों की बदली किस्मत? क्या था मकसद और क्या रहा रिजल्ट

मुद्रा योजना से भारत की आम जनता को कितना लाभ मिलेगा? पहले यूपीए सरकार के दौर में भारत का फाइनेंशियल बेस एक सीमित कैटेगिरी तक ही रह गया था। बजट 2025 में होमस्टे के लिए बेबी लोन के तहत 1500 करोड़ रुपये तक की सुविधा देखने को मिली है।

Author Reported By : Kumar Gaurav Edited By : Khushbu Goyal Updated: Apr 7, 2025 16:26
Pradhan Mantri MUDRA Yojana

प्रधानमंत्री मोदी जब सत्ता में आए तो UPA युग के फाइनेंशियल सिस्टम को लगातार टारगेट करते रहे। उनका आरोप था कि यूपीए सरकार के दौर में भारत का फाइनेंशियल बेस एक सीमित कैटागिरी तक ही रह गया था। फोन एवं बैंकिंग सिस्टम जैसी राजनीतिक रूप से प्रभावित प्रक्रियाओं पर डिपेंड थीं। जिससे बड़े बिजनेसमैन को बिना रोक-टोक के लोन दिए जाते थे। जबकि छोटे बिजनेसमैन, मॉइनोरिटी और ग्रामीण क्षेत्रों के एंटरप्रेन्योरशिप को सख्त प्रॉसेस और डॉक्यूमेंट्स की वजह से हटा दिया गया था। एनपीए (NPA) पर बोझ बढ़ता गया। जिससे आम जनता को फाइनेंशियल मदद मिलना मुश्किल हो गया।

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मुद्रा योजना से कितने लोगों की बदली किस्मत?

यूपीए(UPA) सरकार पर आरोप के बाद नई सरकार ने अप्रैल 2015 में सिस्टम में बदलाव लाने के दावे के साथ प्रधानमंत्री मुद्रा योजना(PMMY) की शुरुआत की । गरीब लोगों को रोजगार के लिए आसान कर्ज उपलब्ध कराने का टारगेट था। साथ ही इसके कुछ रिजल्ट्स भी मिले हैं। इस योजना के तहत अब तक 32.61 लाख करोड़ से 52 करोड़ तक लोन दिए जा चुके हैं। यह योजना सिर्फ लोन देने का जरिया ही नहीं था। बल्कि देश भर में इमोबिलिटी का नया रिवोल्यूशन लेकर आने को था। मुख्य रुप से छोटे शहरों, गांवों और पिछड़े क्षेत्रों में एंटरप्रेन्योरशिप शुरू करवाने का था ।

कितनी कैटेगिरी तैयार और क्या था मकसद?

1. शिशु: 50,000 हजार तक का लोन
2. किशोर: 50,000 से 5 लाख रुपये तक का लोन
3. तरुण: 5 लाख से 10 लाख रुपये तक का लोन और तरुण प्लस के लिए 10 से 20 लाख रुपये तक का लोन

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मुद्रा योजना और रोजगार

मुद्रा योजना के शुरू करने के पीछे मकसद ये भी था कि आम आदमी लोन लेकर बिजनेस शुरू करे। इसके जरिए आगे रोजगार के अवसर पैदा हों। हांलाकि योजना सफल भी रही है। 2015 से 2018 के बीच 1 करोड़ से ज्यादा रोजगार सीधे तौर पर मुद्रा योजनाओं से उत्पन्न हुए। साथ ही आम लोगों का फाइनेंशियल कनेक्ट बैंक से हुआ। इसके जरिए करोड़ों लोग फॉर्मल बैंकिंग सिस्टम का हिस्सा बने। इस कार्यक्रम के पीछे वूमेन पॉवर का भी मकसद था और टोटल लोन जो बैंकों के द्वारा दिए गए। उसका लगभग 70% लोन वूमेन एंटरप्रेन्योर को मिले।

इसकी वजह से प्रति महिला ऋण वितरण में 13% और जमा राशि में 14% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई । इसके अलावा स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्र में भी देश को प्रॉफिट हुआ । कई लाभार्थियों ने अपने स्किल में इम्प्रूवमेंट लाकर बिजनेस को आगे बढ़ाया गया। इन सबका रिजल्ट्स सोशल पॉवर के तौर पर सामने आया। दलित, पिछड़े और डिसएडवांटेज को आत्मनिर्भर बनने का मौका मिला। SC/ST/OBC को 50% से अधिक लोन प्राप्त हुए। क्रेडिट हिस्ट्री का भी निर्माण हुआ। साथ ही बिजनेस में भी बढ़ोत्तरी देखने को मिली और छोटे कारोबारों ने नई टेक्नॉलिजी अपनाई। साथ ही अलग-अलग प्रोडक्ट्स को बनाना भी शुरू किया। जम्मू-कश्मीर में अब तक 20,72,922 लोन स्वीकृत हुए हैं।

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पॉजिटिव रिजल्ट्स

गरीबी में कमी: स्वरोजगार से आय बढ़ी और गरीबी दर में गिरावट आई।
नशा सेवन में गिरावट: आर्थिक रूप से सक्षम होने पर लोग नकारात्मक आदतों से दूर रहते हैं।
फिनटेक का उदय: UPI व डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर ने बैंकिंग को आसान व सुलभ बनाया।
आत्म-सम्मान में लाभ: बैंक से लोन लेकर बिजनेस बनने से सामाजिक प्रतिष्ठा भी बढ़ी।

इंटरनेशनल बेनिफिट्स

IMF (अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष) ने 2017, 2019, 2023 और 2024 में मुद्रा योजना की अच्छा बताते हुए कहा कि यह योजना महिला नेतृत्व वाले बिजनेस को बढ़ावा देने में सफल रही है। IMF ने इसे वित्तीय समावेशन और स्वरोजगार के लिए कुशल वातावरण को करार दिया है। इसके बाद SBI की रिपोर्ट में बताया गया कि युवक लोन की हिस्सेदारी 5.9% (2016) से बढ़कर 44.7% (2025) हो गई। एमएसएमई (MSMI) लोन ₹8.51 लाख करोड़ (2014) से बढ़कर ₹27.25 लाख करोड़ (2024) तक पहुँच गया। उम्मीद है कि इस साल 2025 तक यह ₹30 लाख करोड़ को पार कर जाएगा। इस योजना के जरिए सरकार ने महिलाओं SC/ST/OBC कैटागिरी को लोन देने में प्राथमिकता दी है ।

पर्यटन में दिया गया बढ़ावा

बजट 2025 में होमस्टे के लिए बेबी लोन के तहत 1500 करोड़ रुपये तक की सुविधा ने पर्यटन इंडस्ट्री को नई क्षमता का भी बढ़ावा मिला है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ने भारत की आर्थिक और सामाजिक संरचना को जड़ से बदलने का कार्य किया है। यह योजना न केवल आर्थिक रूप से लोगों को मजबूत बनाती है बल्कि उन्हें एक सम्मानजनक जीवन जीने की प्रेरणा भी देती है।

(ये लेखक के निजी विचार हैं)

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Edited By

Khushbu Goyal

Reported By

Kumar Gaurav

First published on: Apr 07, 2025 12:56 PM

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