---विज्ञापन---

Opinion

पाकिस्तान की आतंकवाद में भूमिका क्या? ISI और पाक सेना की ‘आतंकी फैक्ट्री’ पर विश्लेषण

पाकिस्तान की आतंकवाद में भूमिका क्या है? मुंबई, काबुल, मॉस्को से लेकर लंदन तक फैला आतंक। ISI और पाक सेना की 'आतंकी फैक्ट्री' पर विस्तृत विश्लेषण।

Author Reported By : Kumar Gaurav Edited By : Namrata Mohanty Updated: Apr 30, 2025 14:35

पाकिस्तान का आतंकवाद के संरक्षण, प्रसार और समर्थन का इतिहास दशकों से पूरी दुनिया के लिए गंभीर खतरा और अस्थिरता का कारण बना हुआ है। चाहे कश्मीर हो या काबुल, ईरान हो या लंदन। पाकिस्तानी जमीन आतंकवाद के लिए लॉन्चपैड की तरह इस्तेमाल होती रही है।

मुंबई हमले से लेकर हालिया कुंदुज और मास्को हमलों तक

नवाज शरीफ का स्वीकारोक्ति

---विज्ञापन---

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने 2018 में स्वीकारा था कि 2008 के मुंबई आतंकी हमले में पाकिस्तानी सरकार की भूमिका हो सकती है। इस हमले को लश्कर-ए-तैयबा ने अंजाम दिया था, जिसे पाकिस्तान से संचालित किया जाता है।

मुशर्रफ के कबूलनामे

---विज्ञापन---

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने माना था कि उनकी सरकार ने भारत के खिलाफ लड़ने के लिए आतंकियों को प्रशिक्षण दिया और जानबूझकर इस पर आंखें मूंदी रखीं ताकि भारत पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाया जा सके।

हालिया बयान

कुछ दिन पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान ने तीन दशकों तक आतंकवाद को समर्थन दिया और इसे अमेरिका-नीत विदेश नीति से जुड़ी ‘गलती’ बताया।

ये भी पढ़ें-पाकिस्तानी PM की गुप्त बीमारी कितनी खतरनाक? जानें शुरुआती संकेत व बचाव

अफगानिस्तान में पाक का दखल

तालिबान और हक्कानी नेटवर्क को समर्थन

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क को फंडिंग, प्रशिक्षण और सुरक्षित ठिकाने देती रही है। 2008 में भारतीय दूतावास पर हमला और 2011 में काबुल में अमेरिकी दूतावास पर हमला इन्हीं संगठनों द्वारा किया गया।

वरिष्ठ पत्रकार कार्लोटा गॉल ने अपनी पुस्तक में लिखा कि काबुल दूतावास पर बम हमला ISI के शीर्ष अधिकारियों की जानकारी में हुआ था।

रूस, ईरान, ब्रिटेन तक फैला आतंक

मास्को हमले में पाक लिंक

अप्रैल 2025 में मास्को के कॉन्सर्ट हॉल में हुए आतंकी हमले की जांच में पाकिस्तान से जुड़ी कड़ियां सामने आईं।

ईरान पर हमले

पाकिस्तान आधारित सुन्नी आतंकी संगठन जैश-उल-अदल ने ईरान के सिस्तान-बालोचिस्तान में कई हमले किए, जिसके जवाब में ईरान ने पाकिस्तान के अंदर ड्रोन और मिसाइल हमले किए।

लंदन बम धमाके

2005 में लंदन में हुए आत्मघाती हमलों के तीन हमलावर पाकिस्तान में प्रशिक्षण ले चुके थे।

ओसामा बिन लादेन और ISI का गठजोड़

अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन 2011 तक पाकिस्तान के एबटाबाद में आराम से रह रहा था। उसका घर पाकिस्तान की सैन्य अकादमी से चंद कदमों की दूरी पर था, जिससे ISI की मिलीभगत की आशंका गहराई।

बांग्लादेश, भारत और रोहिंग्या आतंकी नेटवर्क

ISI पर जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) को फंड और ट्रेनिंग देने का आरोप है। 2016 में ढाका के गुलशन कैफे हमले में इस संगठन की भूमिका थी। 2020 की खुफिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि पाकिस्तान ने कोक्स बाजार में 40 रोहिंग्या शरणार्थियों को आतंकवादी ट्रेनिंग दी, ताकि उन्हें भारत में घुसपैठ के लिए इस्तेमाल किया जा सके।

पाकिस्तान: आतंक की फैक्ट्री

पाकिस्तान के पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा, वज़ीरिस्तान और पीओके में आतंकी प्रशिक्षण शिविर संचालित होते हैं। यहां लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिज्बुल मुजाहिदीन और आईएसआईएस-खोरासान जैसे संगठनों को प्रशिक्षण दिया जाता है। कई पूर्व पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी इन कैंपों में प्रशिक्षण देते हैं। अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट (2019) में पाकिस्तान को ऐसे देश के रूप में चिन्हित किया गया था जो “आतंकियों का सुरक्षित पनाहगाह” बना हुआ है।

पाक सेना और आतंकियों की ‘पवित्र गठजोड़’

यूरोपीय रिपोर्ट: यूरोपीय फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज़ की रिपोर्ट ‘Pakistan Army and Terrorism: An Unholy Alliance’ में पाकिस्तान की सेना, ISI और कट्टरपंथी मौलवियों के बीच गहरे रिश्तों का खुलासा हुआ। 2019 में पाकिस्तानी ब्रिगेडियर शाह ने लाइव टीवी पर कबूल किया कि सरकार ने जमात-उद-दावा को मुख्यधारा में लाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए।परवेज मुशर्रफ ने एक इंटरव्यू में कहा था कि कश्मीरियों को पाकिस्तान में मुजाहिदीन बनाकर भारत से लड़ने भेजा जाता था। उन्होंने ओसामा बिन लादेन और जलालुद्दीन हक्कानी जैसे आतंकियों को “हीरो” कहा।

पाकिस्तान का आतंक से नाता कोई छिपी बात नहीं है। उसके अपने नेता, सैनिक और खुफिया एजेंसी बार-बार इस सच्चाई को स्वीकार कर चुके हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए यह समय है कि वह पाकिस्तान की इस ‘आतंकी फैक्ट्री’ को एक वैश्विक खतरे के रूप में माने और इसके खिलाफ सख्त कदम उठाए।

ये भी पढ़ें- देश की महान नृत्य परंपरा को समझे और इससे जुड़े युवा पीढ़ी: IAS अधिकारी

HISTORY

Edited By

Namrata Mohanty

Reported By

Kumar Gaurav

First published on: Apr 30, 2025 02:35 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें