मनोज पांडे
Manipur Violence: मणिपुर में लगातार हिंसा की गतिविधियां देखी जा रही हैं, एक बार फिर से मणिपुर में हिंसा का दौर शुरू हो चुका है। मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। बृहस्पतिवार को गिरफ्तार पांच ग्राम रक्षा स्वयं सेवकों को रिहा करने की मांग को लेकर विभिन्न जगह पर महिला प्रदर्शनकारियों ने अपने-अपने इलाकों के पुलिस स्टेशनों पर प्रदर्शन किया, इनकी मांगे थी कि जो लोग गिरफ्तार किए गए हैं उनको जल्द से जल्द रिहा कर दिया जाए।
इंफाल के सिंगजामेई पुलिस स्टेशन के सामने भी महिलाओं ने प्रदर्शन किया। हजारों की संख्या में महिलाओं ने जगह-जगह सभी पुलिस स्टेशनों के सामने जाकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। मई महीने में मणिपुर में प्रदर्शन की शुरुआत हुई, तब से लेकर अब तक लगातार मणिपुर की महिलाएं सड़कों पर उतरी हुई हैं। ये सभी महिलाएं जगह-जगह बैरिकेड बनाकर सभी गाड़ियों की आवाजाही पर निगरानी रखती हैं फिर चाहे कुकी समाज की महिलाएं हो या मैंतेइ समाज की। दोनों समुदायों की महिलाएं अपने-अपने इलाके की रक्षा स्वयं कर रही हैं, हजारों प्रदर्शनकारी इंफाल पश्चिम जिले के सिंगजामेई पुलिस स्टेशन के पास एकत्र हुए, अपने हाथ ऊपर करते हुए प्रदर्शनकारी महिलाओं ने सिंगजामेई पुलिस स्टेशन की ओर मार्च किया।
मणिपुर पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स ने महिलाओं को थाना परिसर से लगभग 500 मीटर की दूरी पर ही रोक दिया, लेकिन महिलाओं का गुस्सा और बढ़ता गया। महिलाओं ने पुलिस को रोकने के लिए आंसू गैस का प्रयोग किया जिस वजह से प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई, जिनमें 50 से ज्यादा महिलाएं घायल हुईं, जिसको देखते ही देखते महिलाओं में भगदड़ मच गई। महिला प्रदर्शनकारियों ने केवल घाटी के लोगों के लिए कानून लागू करने और सशस्त्र उपद्रवियों को मुक्त करने के लिए मणिपुर सरकार के खिलाफ असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने पांच ग्राम रक्षा स्वयंसेवकों की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करते हुए किसी भी सशस्त्र उपद्रवी और विद्रोही नेताओं को गिरफ्तार करने में मणिपुर सरकार की असमर्थता पर सवाल उठाया। ये महिलाएं लगातार मणिपुर के सड़कों पर अपनी रक्षा के लिए विरोध प्रदर्शन कर रही हैं और जगह-जगह थाने का घेराव कर रही हैं, उन्होंने प्रदर्शन के समय ड्यूटी पर मौजूद सुरक्षा कर्मियों से भी आग्रह किया कि वे आंसू गैस के गोले जैसे किसी भी प्रकार के हथियार का उपयोग करके उन्हें तितर-बितर न करें, इसके बावजूद भी, सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागकर उन्हें तितर-बितर कर दिया।
पुलिस ने कई प्रदर्शनकारी महिलाओं सहित इंफाल पश्चिम के काकवा के लैशराम सनाजाओबा को कुछ देर के लिए हिरासत में ले लिया। सनाजाओबा ने कहा कि पांच महीने से मणिपुर जल रहा है लेकिन केंद्र सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है, यह बड़ी ही निराशा की बात है।
दरअसल, 16 सितंबर को पुलिस ने पांच ग्राम रक्षा स्वयं सेवकों को गिरफ्तार किया गया था। मणिपुर पुलिस की इस कार्रवाई के खिलाफ और गिरफ्तार ग्राम रक्षा स्वयंसेवकों को रिहा करने की मांग को लेकर 48 घंटे का बंद आयोजित किया गया, इसके बावजूद भी अभी तक ग्राम रक्षा स्वयंसेवकों को रिहा नहीं किया गया, जिसको लेकर इंफाल में आज भी महिलाएं सड़कों पर जगह-जगह रूट ब्लॉकेज कर अपना प्रदर्शन कर रही हैं।