Lakshadweep vs Maldives (अच्युत कुमार द्विवेदी): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे के बाद केंद्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप सुर्खियों में छाया हुआ है। लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जमकर लक्षद्वीप की सराहना कर रहे हैं। इसके साथ ही, वे #boycottmaldives और #maldives ट्रेंड्स का यूज कर मालदीव की जमकर आलोचना कर रहे हैं। आज ‘एक्स’ पर #ExploreIndianIslands और India Out जमकर ट्रेंड कर रहा है। लोग मालदीव के बहिष्कार की मांग कर रहे हैं।
पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे के मायने
पीएम मोदी चार जनवरी को लक्षद्वीप (Lakshadweep) पहुंचे। यहां से उन्होंने ‘एक्स’ पर कई तस्वीरों को शेयर किया, जिसमें लक्षद्वीप की सुंदरता देखते ही बनती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक सुंदरता के अलावा लक्षद्वीप की शांति भी मंत्रमुग्ध कर देने वाली है। प्रधानमंत्री ने लक्षद्वीप में समुद्र तट पर मॉर्निंग वॉक किया और स्नॉर्कलिंग भी की। उन्होंने समुद्र के अंदर की अपनी तस्वीरों को शेयर करते हुए कहा कि एडवेंचर के शौकीन लोगों को लक्षद्वीप जरूर आना चाहिए।
For those who wish to embrace the adventurer in them, Lakshadweep has to be on your list.
---विज्ञापन---During my stay, I also tried snorkelling – what an exhilarating experience it was! pic.twitter.com/rikUTGlFN7
— Narendra Modi (@narendramodi) January 4, 2024
प्रधानमंत्री ने कहा कि लक्षद्वीप की यात्रा बेहद खूबसूरत रही। यहां मैंने काफी कुछ सीखा। उन्होंने कहा कि लक्षद्वीप केवल कुछ द्वीपों का समूह भर नहीं है, बल्कि यह परंपराओं और यहां के लोगों की आत्मशक्ति की विरासत है, जो समय से परे है।
And those early morning walks along the pristine beaches were also moments of pure bliss. pic.twitter.com/soQEIHBRKj
— Narendra Modi (@narendramodi) January 4, 2024
मालदीव की जगह अब लक्षद्वीप को वरीयता दे रहे भारतीय
हाल के समय में, मालदीव में सत्ता परिवर्तन के बाद अब वहां चीन समर्थित प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव की सरकार है, जो भारत के खिलाफ काम कर रही है। उसने भारत के साथ अपने समझौते को भी तोड़ दिया है। वहां की सरकार भारत को देश से बाहर खदेड़ना चाहती है। इससे भारतीयों में जमकर आक्रोश है। इसी का नतीजा है कि पीएम मोदी के दौरे के बाद लक्षद्वीप, मालदीव और बॉयकॉट मालदीव लगातार एक्स पर ट्रेंड कर रहा है।
Thanks to ur current government to show their real face , Current government want India out from Maldives,
Well…..We Indians will stay away from Maldives and will never visit again#BoycottMaldives #Maldives pic.twitter.com/unZnRNJBnC
— friend's with table (@friend_table) January 7, 2024
लक्षद्वीप में पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
पीएम मोदी के द्वारा शेयर की गई तस्वीरों ने लोगों का मन मोह लिया। अब ज्यादातर लोग लक्षद्वीप जा रहे हैं या जाना चाहते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के लक्षद्वीप दौरे से यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। लोगों का कहना है कि हम भारतीय मालदीव क्यों जाएं, जब हमारे पास लक्षद्वीप है। वह मालदीव से ज्यादा खूबसूरत है।
Why should we Indians go to the Maldives when we have Lakshadweep It is more beautiful than the Maldives.
Say No To Maldives 🚫 #BoycottMaldives#ExploreIndianIslands | #Lakshadweep
pic.twitter.com/PtxispmYGA— Manoj Tiwari (@ManojTiwariIND) January 7, 2024
मालदीव को करारा जवाब
पीएम मोदी ने लक्षद्वीप दौरे से मालदीव को करारा जवाब दिया है। कई भारतीय अपनी छुट्टियों को मनाने मालदीव जाते थे। उन्हें लगता था कि मालदीव बहुत खूबसूरत देश है, लेकिन प्रधानमंत्री ने गुप्त एजेंडे के तहत लक्षद्वीप का दौरा किया और यहां की सुंदरता के बारे में लोगों को बताया। उन्होंने तस्वीरों के जरिए दिखाया कि मालदीव जैसी जगह अपने देश में भी है। इसलिए हमें मालदीव नहीं जाना चाहिए। इससे देश का पैसा देश में ही रहेगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। प्रधानमंत्री के इस मास्टरस्ट्रोक से मालदीव बुरी तरह भड़क उठा है।
https://twitter.com/100rabhsingh781/status/1743938000462180358
लक्षद्वीप को सर्च कर रहे लोग
पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद पीपीएम के काउंसिल मेंबर जाहिद रमीज ने कहा कि वे हमसे प्रतिस्पर्धा करना चाहते हैं। यह विचार भ्रामक है। हम जो सेवा प्रदान करते हैं, वे भारतीय नहीं दे पाएंगे। उनके कमरों से तो हमेशा बदबू निकलती रहती है। जाहिद के इस बयान के बाद भारतीयों में जमकर आक्रोश है। वे मालदीव की जमकर आलोचना कर रहे हैं। इसी का नतीजा है कि वहां के होटलों की बुकिंग रद्द हो रही है। लोग लक्षद्वीप ज्यादा सर्च कर रहे हैं।
https://twitter.com/100rabhsingh781/status/1743945786487128342
भारत ने हमेशा की मालदीव की मदद
भारत और मालदीव के रिश्ते काफी पुराने हैं। भारत की कोशिश यही रहती है कि उसका अपने पड़ोसी देशों के साथ संबंध अच्छे हों। यही वजह है कि 2004 में आई सुनामी हो या दिसंबर 2014 में जलसंकट, भारत ने मालदीव की हमेशा मदद की। इतना ही नहीं, 1989 में जब मालदीव में तख्तापलट का प्रयास किया गया तो उस दौरान भी भारत मालदीव के साथ खड़ा रहा। इससे दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत हुए। हालांकि, हाल के समय में वहां चीन समर्थित मोहम्मद मोइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद दोनों देशों के बीच संबंध बिगड़ गए हैं।
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