World Arthritis Day 2023: विश्व गठिया दिवस हर साल 12 अक्टूबर को मनाया जाता है और इसका उद्देश्य गठिया के बारे में जागरूकता को बढ़ाना है। गठिया एक ऐसी स्थिति है, जो जोड़ों में सूजन का कारण बनाती है और दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है। जड़ी-बूटियों में सूजन-रोधी और एनाल्जेसिक गुण होते हैं, जो गठिया से जुड़े दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। लेकिन गठिया रोग किन का कारणों या किसकी कमी से होता है, ये सवाल बहुत से लोग करते हैं। ऐसे में आपको जानना होगा कि ये बीमारी विटामिन सी, विटामिन डी और कैल्शियम की कमी से ज्यादा होती है और इन चीजों की कमी से हड्डियां कमजोर होती हैं। हम कई घरेलु चीजों और जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल करके इस रोग से बच सकते है, तो चलिए आइए जानते हैं, इन उपायों के बारे में..
हल्दी का इस्तेमाल करके गठिया में आराम
गठिया के लक्षणों को कम करने के लिए हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है। हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-कैंसर और न्यूरोप्रोटेक्टिव गुण होते हैं, जो गठिया के रोगियों के लिए काफी फायदेमंद होता है। यह गठिया के लक्षणों को कम करता है। इसका सेवन पाउडर के रूप में किया जा सकता है और स्वाद के लिए व्यंजनों में मिलाया जा सकता है।
अदरक का गठिया रोग में फायदा
अदरक में एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी के गुण पाए जाते हैं, जो गठिया रोग में फायदेमंद साबित होते हैं। इसके सेवन से गठिया रोग में आराम मिलता है। इसका सेवन अदरक की चाय के रूप में किया जा सकता है। यह भोजन या स्मूदी में मिलाया जा सकता है।गठिया रोग से बचने के लिए डाइट में अदरक को जरूर शामिल करना चाहिए।
बोसवेलिया के इस्तेमाल से गठिया में आराम
बोसवेलिया अर्क में ऐसे यौगिक होते हैं, जो सूजन को रोक सकते हैं और गठिया के लिए दर्द से राहत देते हैं। हर्बल फॉर्मूलेशन थकी हुई हड्डियों को ठीक करने में मदद करता है और मांसपेशियों को राहत देता है। भारतीय में लोबान के रूप में भी जाना जाने वाला बोसवेलिया का सेवन टैबलेट या कैप्सूल के रूप में किया जा सकता है। यह सूजन और जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करता है।
अश्वगंधा का गठिया में उपयोग
अश्वगंधा गठिया के इलाज के लिए फायदेमंद है। अश्वगंधा (विथानिया सोम्नीफेरा) में सूजनरोधी गुण होते हैं और यह गठिया से संबंधित दर्द और जकड़न को कम करने में मदद कर सकता है। यह जोड़ों के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में भी मदद करता है। कैप्सूल या पाउडर के रूप में अश्वगंधा का सेवन हड्डियों में सुधार और गठिया के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। इसे गर्म दूध या पानी के साथ लिया जा सकता है।