नौतपा की शुरुआत हो चुकी है और इस दौरान अपनी हेल्थ का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। इस समय इंफेक्शन और लू लगने का खतरा बढ़ जाता है। वहीं, कई गंभीर बीमारी वाले मरीजों को इस दौरान सावधान रहने की जरूरत होती है। इसके लिए आप सुबह खाली पेट कुछ खास पत्तों को चबा सकते हैं। इसे चबाने से आप रोज की होने वाली परेशानियों से भी दूर रह सकते हैं। आपका डाइजेशन सिस्टम हेल्दी रहता है, ब्लड शुगर और बीपी बढ़ने का खतरा भी कम होता है। इन पत्तों को कई बीमारियों का नेचुरल इलाज माना जाता है। आइए जानते हैं कि इसे लेकर आचार्य बालकृष्ण क्या कहते हैं?
क्या कहते हैं आचार्य बालकृष्ण?
आयुर्वेद के एक्सपर्ट आचार्य बालकृष्ण कहते हैं कि हमारे नेचर में कुछ ऐसे पत्ते मौजूद हैं, जो कई बीमारियों का इलाज करते हैं। इनमें करी पत्ता, तुलसी के पत्ते और पुदीने के पत्ते शामिल हैं। अगर आप इन्हें अपनी डाइट में शामिल करते हैं, तो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है, डाइजेशन सिस्टम हेल्दी रहता है और गर्मी में लू लगने का खतरा भी कम होता है। इसके साथ ही इस मौसम में आप मलेरिया और बुखार संक्रमण से बचे रहते हैं। ऐसे में अगर आप तुलसी के पत्तों और मिश्री का काढ़ा बनाकर पीते हैं, तो बुखार में आराम मिलेगा और शरीर की कमजोरी भी दूर होगी।
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करी पत्ते के फायदे
करी पत्ता, जिसे मीठी नीम भी कहा जाता है, ये टेस्टी ही नहीं बल्कि आयुर्वेदिक रूप से दवा का भी काम करती है। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन A, B, C, और E, साथ ही एंटीऑक्सिडेंट्स, आयरन, फाइबर और कैल्शियम पाए जाते हैं। ऐसे में अगर आप इसका सेवन करते हैं या फिर सुबह खाली पेट इसे चबाते हैं, तो ये बीपी और शुगर को कंट्रोल करता है। साथ ही इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल रहता है और हार्ट लंबे समय तक हेल्दी बना रहता है। इसके अलावा इससे आपका वजन भी कम होता है और स्किन हेल्दी बनी रहती है।
तुलसी के पत्ते
तुलसी भारतीय घरों में न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह एक औषधीय पौधा भी है। आयुर्वेद में तुलसी को “जड़ी-बूटियों की रानी” कहा जाता है। इससे लोग कई तरह की घरेलू दवा भी बनाते हैं। तुलसी में एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटीफंगल गुण होते हैं। यह सर्दी, खांसी और फ्लू से लड़ने में मदद करती है। अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, और खांसी में फायदेमंद होती है। तुलसी की चाय या काढ़ा सांस नली को साफ करता है।
पुदीने के पत्ते
पुदीना न केवल स्वाद में ताजगी भरता है, बल्कि आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा में इसका विशेष औषधीय महत्व भी है। पुदीने के पत्ते विटामिन A, C, B कॉम्प्लेक्स, और आयरन, पोटेशियम, फाइबर से भरपूर होते हैं। ये पाचन एंजाइम को सक्रिय करते हैं। गैस, बदहजमी, कब्ज और पेट फूलने की समस्या से राहत देते हैं। इसमें मेन्थॉल होता है, जो गले की खराश, बंद नाक और खांसी को आराम दिलाता है। मेन्थॉल की ठंडी तासीर मानसिक तनाव और सिरदर्द को कम करती है। इसके अलावा, यह ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है।
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