Health Tips: आज के समय में लोग का हेल्थ पीछे छुटता जा रहा है। वहीं, कई लोग हेल्दी रहने के लिए डाइटरी सप्लीमेंट अपनाकर इसकी भरपाई करते हैं। मल्टीविटामिन से लेकर कैल्शियम और मछली के तेल तक आपको आसानी से बाजार में मिल जाते हैं। 2017-18 के राष्ट्रीय स्वास्थ्य और पोषण परीक्षा सर्वेक्षण के अनुसार, 58 प्रतिशत वयस्क डाइटरी सप्लीमेंट लेते हैं, जिनमें 64 प्रतिशत महिलाएं और 51 प्रतिशत पुरुष शामिल हैं। 2024 के एक सर्वेक्षण से पता चलता है कि 75 प्रतिशत वयस्क सप्लीमेंट लेते हैं।
जर्नल लिवर ट्रांसप्लांटेशन में प्रकाशित 2022 के एक अध्ययन से पता चलता है कि हर्बल और डाइटरी सप्लीमेंट से जुड़ी दवा इंडुस एक्यूट लाइव फेलियर 1995 से 2020 तक आठ गुना बढ़ गई थी। जर्नल हेपेटोलॉजी में प्रकाशित 2017 के शोध के अनुसार, हर्बल और डाइटरी सप्लीमेंट में लगभग 20 प्रतिशत लीवर से जुड़ी समस्याएं पैदा करती है। अब सवाल ये भी उठता है कि क्या इसका मतलब यह है कि आपको अपने मल्टीविटामिन स्टैश और अन्य डाइटरी सप्लीमेंट को नहीं लेना चाहिए।
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क्या कहती है रिसर्च?
मिशिगन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने देखा की 15.6 मिलियन लोग ऐसे प्रोडक्ट का सेवन करते हैं, जो लिवर को नुकसान पहुंचाते हैं और इसमें कुछ नेचुरल फूड शामिल है, जिसे हम रोज अपनी डाइट में शामिल करते हैं।
लीवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं ये फूड
1. हल्दी
2. ग्रीन टी
3. अश्वगंधा
4. गार्सिनिया कैंबोगिया
5. रेड यीस्ट राइस
कैसे करें बचाव
शरीर को हेल्दी रखने के लिए सबसे अच्छा तरीका है कि इन फूड और सप्लीमेंट्स को लेने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें। साथ ही, जल्दी परिणाम पाने के लिए मेगाडोजिंग के चलन में न आएं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के हिस्से डाइटरी सप्लीमेंट कार्यालय ने सुरक्षित खपत के लिए दैनिक ऊपरी सीमा (ULs) निर्धारित की है। उदाहरण के लिए, वयस्कों को एक दिन में 100 माइक्रोग्राम से अधिक विटामिन डी का सेवन नहीं करना चाहिए।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।