Health Tips: ओजेम्पिक वजन घटाने में मदद करता है, लेकिन क्या ये फर्टिलिटी को भी बढ़ा सकता है? Instagram पर कई वीडियो ये दावा करते हैं कि ओजेम्पिक बेबीज़ ये शब्द ऑनलाइन प्रचलन में आने लगा है, जब कई महिलाओं ने ओजेम्पिक के इस्तेमाल के बाद अपनी अनएक्सपेक्टेड प्रेगनेंसी की कहानियां शेयर की, जिसे आम तौर पर वजन घटाने और टाइप 2 डायबीटिज के लिए दिया जाता है। इनमें से ज्यादातर महिलाएं जिन्होंने दावा किया कि वे ओजेम्पिक का इस्तेमाल शुरू करने के बाद वह गर्भवती हुई, वे बांझपन, आईवीएफ, पीसीओएस और एंडोमेट्रियोसिस से जूझ रही थी। अब सवाल ये उठता है कि क्या ओजेम्पिक फर्टिलिटी को बढ़ाता है?
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इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में डेमी वॉकर ने ओजेम्पिक के साथ अपने अनुभव को साझा किया। उन्होंने बताया कि ओजेम्पिक बेबी के बारे में एक टिकटॉक ट्रेंड देखने के बाद ऐसी महिलाओं की कहानियां जो बांझपन, आईवीएफ, पीसीओएस और एंडोमेट्रियोसिस से जूझ रही थी और ओजेम्पिक का इस्तेमाल करते हुए गर्भवती हो गईं उन्होंने अपना खुद का शोध करने का फैसला किया।
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कई सालों तक विभिन्न तरीकों को आजमाने के बाद भी सफलता नहीं मिलने के बावजूद, उन्होंने अंतिम कोशिश के रूप में ओजेम्पिक को निजी तौर पर खरीदने का फैसला किया, सावधानी बरतने बारे में पूरी तरह से जागरूक थीं। चार महीने तक लगातार इस्तेमाल करने के बाद, उन्होंने अपना अंतिम इंजेक्शन लगवाया और चार सप्ताह के भीतर ही उन्हें पता चला कि वे गर्भवती हैं।
क्या डॉक्टरों ने ऐसा होते देखा है?
कुछ हेल्थ एक्सपर्ट ने ऐसे मामले देखे हैं जहां महिलाओं ने ओजेम्पिक की मदद से वजन कम करने के बाद फर्टिलिटी में सुधार हुआ। हैदराबाद के बंजारा हिल्स स्थित केयर हॉस्पिटल्स के महिला एवं बाल संस्थान, केयर वात्सल्य, रोबोटिक स्त्री रोग विशेषज्ञ और एचओडी, क्लिनिकल डायरेक्टर डॉ. मंजुला अनगानी ने बताया कि ओज़ेम्पिक जैसी दवाओं के माध्यम से वजन घटाने और मेटाबॉलिज्म में सुधार ने उन महिलाओं के लिए प्रेगनेंसी को आसान बना दिया, जो पहले बांझपन का सामना कर रही थीं। उन्होंने बताया कि मैंने ऐसी कहानियां सुनी है जहां ओजेम्पिक इस्तेमाल से वजन घटाने और मेटाबॉलिज्म में सुधार ने उन महिलाओं के लिए प्रेगनेंसी को आसान बनाया।
रिसर्च में आया सामने
ज्यादातर एक्सपर्ट दावा करते हैं, वह ये है कि वजन कम करने से फर्टिलिटी में सुधार हो सकता है। यूनिवर्सिटी हेल्थ ब्लॉग का सुझाव है कि जैसे-जैसे महिला का वजन कम होता है, एस्ट्रोजन फैट कोशिकाएं कम होती जाती हैं। इससे शरीर को यह पता चल सकता है कि वह पहले से गर्भवती नहीं है और खुद को गर्भवती होने के लिए तैयार कर सकती है। जिन महिलाओं को पीसीओएस या अन्य कारणों से पीरियड नहीं होता है, वजन कम करने से पीरियड्स से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाती है।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।