जून में हर साल 1 तारीख को ग्लोबल पेरेंट्स डे मनाया जाता है। माता-पिता हमारी जिंदगी का वो हिस्सा हैं, जिनके बिना हम अपनी जिंदगी की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। बच्चे कितने भी बड़े क्यों न हो जाएं, उनकी जिंदगी में उनके माता-पिता की जगह कोई नहीं ले सकता है। माता-पिता हमारी जिंदगी को एक आकार देते हैं, जिससे हमें अपनी जिंदगी में वह सब मिल पाता है, जो हम चाहते हैं। हमारे माता-पिता हमारी खुशी में खुद को भी भूल जाते हैं और हमारी परवरिश में पूरी जिंदगी लगा देते हैं।
क्या है इस दिन का महत्व?
पूरी दुनिया में माता-पिता के त्याग और प्रेम की मूरत के रूप में देखा जाता है। उन्हें सम्मानित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने साल 2012 में 1 जून को ग्लोबल पेरेंट्स डे के रूप में घोषित किया था। इस दिन का उद्देश्य लोगों में परिवारों को मजबूत करना और माता-पिता की भूमिका को लेकर जागरूकता बढ़ाना है। इसके साथ ही बच्चों को यह भी महसूस कराना होता है कि उनकी जिंदगी में माता-पिता कितने जरूरी हैं, जिन्होंने उन्हें बड़ा कर उनके सपनों को पूरा करने में अपनी जी-जान लगा दी।
ये भी पढ़ें- क्या आप बच्चों के Lunchbox में गलती से दे रहे हैं बीमारियां? ये हो सकते हैं ऑप्शन
कैसे बनाया जाता है इस दिन को खास?
इस खास मौके पर माता-पिता के सम्मान में दुनिया में कई जगहों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस दिन बच्चे अपने माता-पिता को खास तरीके से धन्यवाद देते हैं। कई देशों में परिवार की मजबूती को बढ़ाने के लिए खास आयोजन किए जाते हैं। लोगों को याद दिलाया जाता है कि उनकी जिंदगी में उनके माता-पिता कितने जरूरी और स्पेशल हैं, जिनके बिना उनकी जिंदगी अधूरी है।
बच्चों की परवरिश में रखें इन बातों का ध्यान
बच्चों को प्रॉपर्टी न समझें- माता-पिता को अपने बच्चों को कभी भी अपनी प्रॉपर्टी नहीं समझना चाहिए। उन पर बात-बात पर हक जमाने से अच्छा है कि आप उनसे बात करें। यदि वे गलती करते हैं, तो उन्हें समझने और समझाने का प्रयास करें।
बच्चों को निवेश न समझें- माता-पिता को बच्चों को अपने भविष्य का निवेश नहीं समझना चाहिए। उनके साथ जीवन के हर एक सुख और दुख को बांटने का प्रयास करना चाहिए। छोटी से छोटी खुशियों का उनके साथ आनंद लेना चाहिए। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा समय उनके साथ बिताएं। अपने अच्छे गुण उन्हें सीखने का प्रयास करें और अपने बच्चों का रोल मॉडल बनने का प्रयास करें।
राय न थोपें- यदि आपको अपने बच्चों के साथ अपना रिश्ता मजबूत करना है, तो इसके लिए उन्हें समझने का प्रयास करें। उनके दोस्त बनें। अपने बच्चे और खुद के बीच समय का अंतर न आने दें। हर फैसले में उनका सपोर्ट करें। लेकिन कभी भी उन पर अपनी राय न थोपें। वे जो भी बनना चाहते हैं, उसमें उनका सपोर्ट करें।
ये भी पढ़ें- गर्मी से चाहिए छुटकारा? तो ये 5 हिल स्टेशन हापुड़ के पास हैं आपके लिए परफेक्ट