Delhi Metro History: दिल्ली ऐसे ही दिल वालों की जान नहीं कही जाती। यह अपने ऐतिहासिक स्थानों, बाजार और स्ट्रीट फूड के कारण बहुत प्रसिद्ध है। इसके अलावा यहां की मेट्रो सेवा भी मशहूर है, आए दिन लोगों के बीच यह चर्चा का विषय बनी रहती है। आपमें से कई लोगों ने दिल्ली मेट्रो की सवारी की होगी। आपमें से कई लोगों ने दिल्ली मेट्रो की सवारी की होगी लेकिन क्या आप दिल्ली मेट्रो के इन रहस्यों के बारे में जानते हैं? आज हम आपको दिल्ली मेट्रो की उन बातों के बारे में बताएंगे जो आप शायद ही जानते होंगे।
दिल्ली मेट्रो की स्थापना और शुरुआत
दिल्ली मेट्रो कंपनी ‘डीएमआरसी’ की स्थापना 3 मई 1995 को हुई थी। इस कंपनी की शुरुआत दिल्ली और भारत सरकार ने मिलकर की थी। मेट्रो सेवा के लिए काम साल 1998 में शुरू किया गया था।
फिर करीब 4 साल बाद 24 दिसंबर 2002 को पहली मेट्रो चलाई गई थी। यह मेट्रो सेवा शाहदरा-तीस हजारी कॉरिडोर रूट पर चलाई गई थी, फिर धीरे-धीरे मेट्रो की तकनीक में बदलाव करके इसमें सुधार किया गया। यही कारण है कि आज लोग मेट्रो सेवा का अच्छे से लाभ उठा पा रहे हैं।
एस्केलेटर
आप में से कई महिलाएं यह बात नहीं जानती होंगी कि दिल्ली मेट्रो के एस्केलेटर पर गार्ड्स लगे होते हैं, जो आपके लिए बहुत उपयोगी होते हैं। अगर आपके कपड़े कहीं फंस जाएं तो आप आपातकालीन (इमरजेंसी) बटन दबाकर एस्केलेटर को रोक सकती हैं।
ये भी पढ़ें- Cheap Flight Ticket Booking: हवाई यात्रा करनी है? तो इन ट्रिक्स से सस्ते में बुक करें टिकट
इनके नाम पर रखा गया राजीव चौक स्टेशन का नाम
राजीव चौक स्टेशन का नाम राजीव गोस्वामी के नाम पर रखा गया है। आपको बता दें कि राजीव गोस्वामी एक ऐसे छात्र थे जिन्होंने मंडल द्वारा लाए गए आरक्षण के खिलाफ बढ़-चढ़कर हिस्सा लिए थे।
दिल्ली मेट्रो का सबसे बड़ा स्टेशन
कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन दिल्ली मेट्रो का सबसे बड़ा स्टेशन माना जाता है। जो लगभग 118,400 वर्ग फुट के क्षेत्र में फैला हुआ है।